यूक्रेन संकट और गहरा रहा है, अमेरिका-रूस में तनातनी बढ़ी

यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इस बीच UNSC यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन संकट को लेकर चर्चा हुई.

Update: 2022-02-19 01:19 GMT

यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इस बीच UNSC यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन संकट को लेकर चर्चा हुई. इसमें अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रूस के राजनयिक और भारत की तरफ से स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति के अलावा UNSC के सभी सदस्य देशों ने हिस्सा लिया.

अमेरिका और रूस में ठनी

बैठक में ब्लिंकन ने अपने संबोधन के दौरान रूस पर सैन्य इरादों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. वहीं रूस ने भी पलटवार करते हुए अमेरिका पर जमकर हमला बोला. UNSC में यूक्रेन के मुद्दे पर जब चर्चा हुई तो रूस के उप विदेश मंत्री सर्गी वर्सनिन ने कहा कि अमेरिका रूस के हमले की तारीखों की अफवाह फैला कर पूरी दुनिया में अपनी किरकिरी करवा रहा है.

इसके जवाब में अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि रूस ने शांति और सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा किया है और हमारी जानकारी के अनुसार रूस आने वाले दिनों में यूक्रेन पर हमला कर सकता है. रूस का कहना है कि उसने अपनी सैन्य तैनाती घटाई है लेकिन जमीनी सच्चाई ये नहीं है. जानकारी के मुताबिक रूस की सेना आने वाले दिनों में यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रही है.

केमिकल साजिश रच रहा रूस?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने राजनयिकों से कहा कि आक्रमण को सही ठहराने के लिए रूस हिंसक घटना को अचानक अंजाम दे सकता है. ब्लिंकन ने रूस के भीतर तथाकथित आतंकवादी बमबारी, ड्रोन हमले और केमिकल अटैक का जिक्र किया.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन में मिसाइल और बम हमलों के साथ साइबर हमलों से आक्रमण की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिया है कि रूस यूक्रेन के कुछ ग्रुप्स को भी निशाना बनाएगा. ब्लिंकन ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा कि वह साफ कर देना चाहते हैं कि मैं यहां आज युद्ध शुरू करने नहीं बल्कि उसे रोकने आया हूं.

रूस ने किया पलटवार

वहीं रूस ने अमेरिका पर पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिका और नाटो का एकमात्र लक्ष्य युद्ध भड़काना है जबकि रूस युद्ध नहीं चाहता है. वहीं UNSC में अपना पक्ष रखते हुए यूक्रेन ने रूस को निशाने पर लिया. यूक्रेन ने कहा कि ये सिर्फ एक उदाहरण हैं कि कैसे रूस समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद उसे तोड़ देता है. समझौते का सम्मान ना करना हमेशा से रूस की कूटनीति का हिस्सा रहा है.


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