यूक्रेन का दावा- स्पेशल दस्ते के कमांडरों समेत 11 जनरल मार गिराए

रूस और यूक्रेन के बीच जंग को अब तीन हफ्ते से ज्यादा समय हो चुका है। हालांकि, कीव और खारकीव जैसे शहरों में रूसी सेना को अब तक कोई बढ़त नहीं मिली है। उल्टा रूस के कई कमांडरों को इस लड़ाई में जान गंवानी पड़ी है।

Update: 2022-03-21 01:12 GMT

रूस और यूक्रेन के बीच जंग को अब तीन हफ्ते से ज्यादा समय हो चुका है। हालांकि, कीव और खारकीव जैसे शहरों में रूसी सेना को अब तक कोई बढ़त नहीं मिली है। उल्टा रूस के कई कमांडरों को इस लड़ाई में जान गंवानी पड़ी है। जहां यूक्रेन लगभग हर दिन रूस के सैनिकों और हथियारों के खात्मे के आंकड़ों का खुलासा कर रहा है, वहीं रूस ने जंग में एक सैनिक की मौत और सिर्फ 500 के घायल होने की बात कबूली है।

अब एक रिपोर्ट की मानें तो रूस के अफसरों को यह डर है कि अगर रूसी सेना के शीर्ष नेतृत्व और रक्षा मंत्रालय ने अपने सैनिकों की मौत और घायलों के आंकड़े का खुलासा कर दिया तो सेना के कुछ कमांडरों में डर फैल सकता है। रूस के इस डर के पीछे यूक्रेन के वे दावे भी वजह बने हैं, जिनमें जेलेंस्की की सेना ने कम से कम 11 रूसी टॉप जनरलों को मारने का दावा किया है।

क्या है यूक्रेन का दावा?

यूक्रेन ने दावा किया है कि बुधवार को उसकी सेना ने रूस के जनरल ओलेग मितयाएव को मार गिराया। बताया गया है कि मितयाएव सीधे तौर पर व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर यूक्रेनी सेना के खिलाफ 150वीं मोटराइज्ड राइफल डिविजन की टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। हालांकि, मारियूपोल में कब्जे की कोशिश के दौरान यूक्रेनी सैनिकों ने उन्हें मार गिराया।

इस दावे को मानें तो रूस के अब तक कुल चार जनरल स्तर के अधिकारी यूक्रेन में हमले के दौरान जान गंवा चुके हैं। इतना ही नहीं यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस की अलग-अलग टुकड़ियों का नेतृत्व कर रहे 13 अफसरों को मार गिराया है। इनमें व्लादिमीर पुतिन के सात सबसे खतरनाक स्वैट फोर्स के अफसर भी शामिल हैं। इस इलीट यूनिट के छह अफसरों की एक फोटो रूस में लगातार वायरल हो रही है। साथ ही इस टीम के सातवें अफसर की मौत की बात भी सामने आई है।

इस बीच सामने आया है कि अपने सैनिकों की मौत की खबरों से कई अधिकारियों ने यूक्रेन में लड़ने जाने से इनकार कर दिया है। इनमें एक नाम टेस्ट पायलट कैप्टन एलेक्जेंड गार्नाएव का है, जिन्होंने इसे बेवजह का युद्ध करार दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने डर जताया है कि जब लोगों के सामने युद्ध में रूसी सैनिकों की मौत के असल आंकड़े आएंगे तो उनमें डर बैठना तय है।

रूसी सेना के कौन से बड़े अफसरों की हुई मौत?

रूस के जिन 11 बड़े अफसरों की मौत हुई है, उनमें सात अफसर रूस की स्पेशल स्वैट यूनिट के थे। इनमें मोटराइज्ड राइफल रेजिमेंट के मेजर विक्टर माक्सिमचक (44), पेंजा क्षेत्र के सार्जेंट मिखाइल बेल्याकोव (30), नेशनल गार्ड ट्रूप्स के एलेक्सेई ब्लिंकोव, मैक्सिम पुस्तोज्वोनोव, शामिल हैं। इस यूनिट के बाकी तीन अफसरों के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है।

इसके अलावा 29वीं कंबाइंड आर्मी के मेजर जनरल आंद्रेई कोलेसनिकोव, सीरिया और क्रीमिया में लड़ चुकी 41वीं सेना के फर्स्ट डिप्टी कमांडर मेजर जनरल विताली गेरासिमोव, मेजर जनरल आंद्रेई सुखोवेत्स्की, कर्नल आंद्रेई जाखारोव, मरीन ब्रिगेड के प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल दिमित्री सैफ्रानोव, एयर असॉल्ट ट्रूप के लेफ्टिनेंट कर्नल डेनिस ग्लेबोव, एयर असॉल्ट ट्रूप के कर्नल कॉन्स्टेन्टिन जिजेव्स्की, चेचेन स्पेशल फोर्सेज के जनरल मैगोमेद तुशाएव, स्पार्टा बटालियन के व्लादिमीर झोंगा, 137वीं रेजिमेंट और 106वीं तुला गार्ड्स एयरबोर्न डिविजन के जॉर्जी दुदोरोव, पैराट्रूप इंटेलिजेंस ऑफिसर एलेक्सेई अलेश्को शामिल रहे।


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