संयुक्त अरब अमीरात ने भारत और इजरायल के 'ब्रह्मास्त्र' पर अब दांव लगाया, दोस्त यूएई ने तैनात किया बराक
मोरक्को भी अब इस सिस्टम को लेना चाहता है।
ईरान की किलर मिसाइलों और घातक ड्रोन विमानों के खतरे का सामना कर रहे संयुक्त अरब अमीरात ने भारत और इजरायल के 'ब्रह्मास्त्र' पर अब दांव लगाया है। यूएई ने भारत और इजरायल के संयुक्त रूप से विकसित किए गए बराक 8 एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात किया है। यही नहीं बराक ने पिछले दिनों अपना कमाल भी दिखाया था। बराक सिस्टम ने हाल ही में इजरायल के गैस फील्ड कारिश पर हिज्बुल्ला की ओर से दागे गए ड्रोन को मार गिराया था। बराक सिस्टम को इजरायल, भारत के अलावा अजरबैजान भी इस्तेमाल करता है।
बराक 8 सिस्टम की इन्हीं खासियत को देखते हुए हाल ही में यूक्रेन ने भी रूसी मिसाइलों और ईरानी ड्रोन से निपटने के लिए इजरायल से इस सिस्टम को देने की गुहार लगाई थी। ताजा सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि यूएई ने इस मिसाइल सिस्टम को अपने अल धार्फा एयरबेस पर तैनात किया है जो अबू धाबी के बाहरी इलाके में स्थित है। इससे पहले अप्रैल महीने में यूएई की वायुसेना के 10 विशाल कार्गो विमानों को इजरायल के नेवतिम इजरायली एयर फोर्स बेस पर देखा गया था।
यूएई के एयरबेस पर पूरी तरह से अलर्ट मोड पर बराक 8
इससे पहले यह भी खबर आई थी कि यूएई ने इजरायल से स्पाइडर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम को खरीदा है। इस सिस्टम को भारत भी इस्तेमाल करता है। स्पाइडर सिस्टम ड्रोन विमानों के खिलाफ काफी कारगर माना जाता है। इससे पहले ब्रेकिंग डिफेंस वेबसाइट ने भी खुलासा किया था कि यूएई ने बराक सिस्टम को तैनात किया है। अब सैटलाइट तस्वीरों से इसकी पुष्टि हो गई है। इन तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि दो मिसाइल लॉन्चर और इल्टा रेडॉर यूएई के एयरबेस पर पूरी तरह से अलर्ट मोड पर तैनात हैं।
इजरायल और खाड़ी के देश एक संयुक्त हवाई डिफेंस सिस्टम तैनात कर रहे हैं। इसकी शुरुआत अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हुई है। इस पहल का मकसद क्षेत्र में ईरानी मिसाइलों और ड्रोन हमलों के खतरे से निपटना है। पिछले दो वर्षों में ईरान ने अप्रत्यक्ष तरीके से कई बार सऊदी अरब, यूएई और इराक में तेल डिपो, समुद्री पोर्ट और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इन हमलों को ईरानी सेना ने हूथी विद्रोहियों और अन्य संगठनों की मदद से अंजाम दिया था। ईरान मुख्य तौर पर अपने आत्मघाती ड्रोन विमानों की मदद से हमले कर रहा है जिसे उसने रूस को बेचा है।
अजरबैजान ने बराक 8 से आर्मीनिया की मिसाइलों को मार गिराया
बराक मिसाइल सिस्टम को शुरू में इजरायली नेवी के गश्त लगाने वाले जहाजों की समुद्री मिसाइलों से रक्षा के लिए बनाया गया था। बराक 8 मिसाइल सिस्टम को भारत के साथ मिलकर इजरायल ने विकसित किया है जो नौसैनिक और सतह पर हमलों को नाकाम करने के लिए बनाया गया है। यह सिस्टम 150 किमी की रेंज में नौसैनिक जहाजों, गैस फील्ड को क्रूज, बलिस्टिक मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और ड्रोन हमलों से बचाव में मदद करता है। इस सिस्टम की मदद से अजरबैजान ने रूस में बनी आर्मीनिया की मिसाइलों को बीच रास्ते में ही मार गिराया था। मोरक्को भी अब इस सिस्टम को लेना चाहता है।