तानाशाह किम जोंग उन ने फिर उगला जहर, सबसे बड़े दुश्मन के नाम का किया खुलासा

Update: 2021-01-09 06:30 GMT

फाइल फोटो 

प्योंगयांग: अमेरिका (America) और उत्तर कोरिया (North Korea) के बीच आने वाले दिनों में तनाव बढ़ सकता है. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं, उससे साफ है कि उन्हें संबंध सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं है. किम जोंग उन ने शुक्रवार को कहा कि वॉशिंगटन प्योंगयांग का सबसे बड़ा दुश्मन है. साथ ही उन्होंने धमकी भी दी कि यदि पश्चिमी देशों का रवैया नहीं बदला तो उत्तर कोरिया अपने परिमाणु हथियारों का विस्तार करने से भी पीछे नहीं हटेगा.

अब सबकुछ America पर
स्टेट मीडिया के मुताबिक, किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने कहा कि अमेरिका के साथ रिश्ते इस बात पर निर्भर करते हैं कि वो अपनी शत्रुतापूर्ण नीति को छोड़ता है या नहीं. किम ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अमेरिका अपने रुख में बदलाव नहीं लाता, तो उत्तर कोरिया अधिक परिष्कृत परमाणु हथियार प्रणाली विकसित करेगा. उन्होंने आगे कहा कि अब सबकुछ अमेरिका पर है कि दोनों देशों के बीच संबंध कैसे रहेंगे.
US को लेकर स्पष्ट है नीति
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बताया कि किम अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर बेहद स्पष्ट हैं. उन्होंने कहा है कि अच्छे रिश्तों के लिए US को अपनी शत्रुतापूर्ण नीति खत्म करनी होगी. परमाणु हमले पर उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया तब तक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा, जब तक कि दूसरे देश ऐसा कोई कदम नहीं उठाते. हालांकि, किम ने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया को अपनी सैन्य और परमाणु क्षमता को और मजबूत करना होगा, क्योंकि देश पर अमेरिकी हमले का खतरा बढ़ रहा है.
Weapons तैयार करने के आदेश
किम ने अधिकारियों को कई वॉरहेड वाली मिसाइल, पानी के नीचे लॉन्च की जाने वाली परमाणु मिसाइल, जासूसी उपग्रहों और परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां विकसित करने का आदेश दिया है. इस बारे में तानाशाह ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यदि हम अपनी सैन्य ताकत में इजाफा नहीं करते तो ये बेहद मूर्खतापूर्ण होगा. हमें हर खतरे के लिए खुद को तैयार करना होगा और दुश्मन को यह अहसास दिलाना होगा कि हम माकूल जवाब देने में सक्षम हैं.
Balance बनाने की कोशिश
किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की हार पर किम ने खुशी भी जाहिर की थी. हालांकि, उन्होंने अब तक नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को बधाई नहीं दी है. जानकार मानते हैं कि किम की यह धमकी केवल संतुलन बनाने की कोशिश है. बाइडेन के सत्ता संभालने से पहले ही वो उन पर दबाव बनाना चाहते हैं. वो यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उत्तर कोरिया डरने वाला नहीं है और यदि उसके खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध नहीं हटाए गए तो परिणाम भयानक होंगे.
Biden नहीं देंगे जवाब
सियोल के इंस्टिट्यूट ऑफ नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी के चो सियोंग-रायल (Cho Seong-ryoul) ने न्यूज एजेंसी AFP से बातचीत में कहा कि इसकी संभावना बेहद कम है कि जो बाइडेन प्रशासन उत्तर कोरिया के तानाशाह की धमकी पर कोई प्रतिक्रिया दे. क्योंकि ये महज शब्द हैं. बता दें कि इससे पहले, किम ने सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की बैठक में स्वीकार किया था कि उनकी पांच-वर्षीय आर्थिक योजना पूरी तरह विफल हुई है और हर क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर ने अपने संबोधन में कहा था कि पिछले 5 सालों में विकास को लेकर रखे गए लक्ष्यों को हासिल करने में हम विफल रहे हैं.


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