सीरिया और इराक में जड़ें उखड़ने के दो साल बाद ICE ने अफ्रीका में बनाया नया ठिकाना
अमेरिका ने दर्जनों सैनिक मोजाम्बिकन सेना को प्रशिक्षण देने के लिए भेजे हैं।
सीरिया और इराक में जड़ें उखड़ने के दो साल बाद इस्लामी स्टेट (आईएस) ने अब अफ्रीका को अपना नया ठिकाना बना लिया है। सामरिक विश्लेषकों का कहना है कि स्थानीय इस्लामिक कट्टरपंथियों से गठजोड़ बनाकर आईएस इलाके में भर्तियां करने से लेकर धन जुटाने और खलीफा राज बढ़ाने का काम तेजी से कर रहा है।
यही वजह है कि पिछले कुछ समय में अफ्रीकी देशों में घटी बड़ी आतंकी घटनाओं के तार आईएस से जुड़े मिले हैं। बताया जा रहा है कि संगठन ने अपने अलग-अलग ऑनलाइन फोरम पर अफ्रीका में नए खलीफा की स्थापना की मुहिम शुरू कर दी है। जानकारों के मुताबिक, अफ्रीकी महाद्वीप में बीते एक साल में आईएस ने पहले के मुकाबले एक-तिहाई से ज्यादा हमले किए हैं। इन हमलों में दर्जनों लोग मारे गए, जिनमें दक्षिण अफ्रीकी और ब्रिटिश नागरिक भी शामिल हैं।
हमलों की ली जिम्मेदारी
पिछले हफ्ते आईएस ने युद्धग्रस्त उत्तरी मोजाम्बिक में कई दिनों तक चली हिंसा की जिम्मेदारी ली है। न्यूयॉर्क में आतंकरोधी अभियान के विश्लेषक कॉलिन पी क्लार्क के मुताबिक, अपने समर्थकों का हौंसला बढ़ाने के लिए आईएस क्षेत्रीय शाखाओं में खतरनाक हमले कर नेतृत्व मजबूत करने में जुटा है।
आईएस-अलकायदा ने मिलाए हाथ
अमेरिकी सैन्य और आतंकरोधी गतिविधियां देखने वाले अधिकारी एक दशक से चेताते रहे हैं कि अफ्रीका अल कायदा का गढ़ बना सकता है। बीते कुछ वर्षों में ऐसी ही चेतावनी आईएस को लेकर दी जा रही थी। विशेषज्ञों की मानें तो इन दोनों ही संगठनों ने स्थानीय आतंकियों से हाथ मिला लिए हैं और पश्चिम, उत्तर व मध्य अफ्रीका में बड़े हमलों की तैयारी में हैं।
हमले 43 फीसदी बढ़े
अमेरिकी रक्षा विभाग के अफ्रीका सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज के अनुसार, एक साल पहले के मुकाबले 2020 में इस्लामिक गुटों द्वारा किए गए हमलों में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इराक में 10 हजार लड़ाके भूमिगत
अमेरिकी अफसर कह रहे हैं कि भले ही आईएस की जड़ें कमजोर हो गई हों पर अभी उसके 10 हजारसे ज्यादा लड़ाके भूमिगत हैं।
नाइजीरिया से प. अफ्रीका तक पहुंच
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के मुताबिक, आईएस उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया से लेकर पश्चिमी अफ्रीका में प्रभावी रूप से लड़ाके और पैसा मुहैया करा रहा है।
2019 से अफ्रीका में हो रहे हमलों में आईएस का हाथ होने की बात सामने आने के बाद अमेरिका ने दर्जनों सैनिक मोजाम्बिकन सेना को प्रशिक्षण देने के लिए भेजे हैं।