नौकरी का 'लालच' देकर दो नेपाली औरतें भारत में महिलाओ की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार
तुर्की स्थित नेपाली मिशन को उनका बचाव और प्रत्यावर्तन करने के लिए कहा. जिसके बाद इन दोनों को बचाया जा सका.
नेपाल की रहने वाली दो महिलाओं पर आरोप लगा है कि वह नौकरी का लालच देकर भारत में महिलाओं की तस्करी कर रही हैं. स्थानीय पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी महिलाओं की पहचान 20 साल की लक्ष्मी दास और 19 साल की खुशबू विश्वकर्मा के तौर पर हुई है (Women Trafficking News). इन दोनों को शुक्रवार के दिन नेपाल के विर्तामोड से पकड़ा गया है. ये नेपाल की स्थानीय महिलाओं की भारत में तस्करी कर रही थीं.
पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया, 'पुलिस ने एक 16 साल की लड़की और एक 20 साल की महिला को रेस्क्यू किया है. इन्हें अच्छी नौकरी दिलाने के बहाने बिहार के छौड़ादानो लाया जा रहा था.' पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है और तीन अन्य आरोपियों की तलाश शुरू हो गई है (Nepal India Trafficking of Women). इस घटना के सामने आने के बाद से उन लोगों में काफी डर देखने को मिल रहा है, जो नौकरी के लिए अपने घर की महिलाओं के दूसरे देशों में भेज देते हैं.
पहले मां-बेटी की हुई थी तस्करी
इससे पहले फरवरी महीने में नेपाल से खबर आई थी कि नेपाल पुलिस के मानव तस्करी रोधी ब्यूरो ने एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनपर आरोप है कि इन्होंने एक महिला और उसकी बेटी की अच्छी नौकरी की आड़ में तुर्की में तस्करी की (Women Trafficking Issue in Nepal). अधिकारियों ने बताया कि 26 साल के जीवन भट्टा और 32 साल की पूर्णिमा सिरपाली को मामले में आरोपी बनाया गया है. इन्होंने पीड़ित महिला और उसकी बेटी से कहा कि उन्हें तुर्की की नौकरी में 80 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे, जिससे दोनों इनके जाल में फंस गईं.
पीड़ितों से पैसे भी लिए गए
भट्टा और सिरपाली ने इन पीड़ित मां-बेटी से फीस के तौर पर 10 हजार रुपये भी लिए. ये पैसे पीड़िताओं ने अपनी जमीन बेचकर इन्हें दिए थे. पीड़िताएं 8 अक्टूबर को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रास्ते तुर्की पहुंची थीं. जैसे ही वे तुर्की पहुंची, तो उन्हें एक शख्स से मिलवाया गया (Human Trafficking Case). जिसने मां को बंधक बना लिया और बेटी को 2,000 तुर्की लीरा (करीब 31,363 रुपये) में किसी और को बेच दिया. मानव तस्करी का मामला सामने आने के बाद सरकारी अधिकारियों ने तुर्की स्थित नेपाली मिशन को उनका बचाव और प्रत्यावर्तन करने के लिए कहा. जिसके बाद इन दोनों को बचाया जा सका.