जिहादी संगठन IS के दो मददगारों को जर्मनी कैद की सजा सुनाई

जर्मनी में, आतंकवाद का रास्ता छोड़कर वापस आए और कुछ अन्य आरोपों के संदेह पर पहले ही कई लोगों पर मुकदमा चल चुका है..

Update: 2021-10-11 04:32 GMT

जिहादी संगठन आईएस के दो मददगारों को जर्मनी के श्टुटगार्ट शहर में निलंबित कैद की सजा सुनाई गई है. इसके पहले सीरिया से वापस लाई गई छह महिलाओं आईएस के समर्थन के कारण हिरासत में ले लिया गया था.श्टुटगार्ट हाईकोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को विदेश में आतंकवादी संगठन की मदद करने का दोषी पाया. एक अभियुक्त को आतंकवाद की वित्तीय मदद का भी दोषी छहराया गया. 44 वर्षीय अभियुक्त को दो साल की निलंबित कैद की सजा दी गई तो 30 वर्षीय अभियुक्त को 20 महीने की निलंबित कैद की. जर्मनी में निलंबित कैद का प्रावधान है, जिसमें अभियुक्त मुचलके पर जेल के बाहर रहता है लेकिन उसे सजायाफ्ता माना जाता है. कोई और अपराध करने पर उसे जेल की निलंबित सजा भी काटनी पड़ती है. अदालत का कहना है कि दोनों अभियुक्त करीब 2011 से दक्षिणी बाडेन के इलाके में एक जिहादी सर्किल का हिस्सा थे जो धर्म परिवर्तन, इमिग्रेशन और जिहाद के अलावा सीरिया की राजनीतिक घटनाओं पर नजर रखने जैसी गतिविधियों में संलग्न था.

इस सर्किल के दो लोग 2013 में आईएस के साथ लड़ने के लिए सीरिया गए. दोनों ने उसके बाद आईएस के लड़ाकों को 8,000 यूरो भेजा. दोनों अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल किया है और अदालत की उम्मीद है कि वे और अपराध नहीं करेंगे. सीरिया से वापस लाई गईं महिलाएं हिरासत में इससे पहले सीरिया में कुर्द हिरासत केंद्र में कैद से 8 जर्मन महिलाओं और 23 बच्चों को जर्मनी वापस लाया गया. ये महिलाएं कुछ समय पहले जिहादी संगठन आईएस के समर्थन के लिए सीरिया गई थीं और आईएस के पतन के बाद कुर्दों के हिरासत केंद्रों में रह रही थीं. उनमें से छह को जर्मनी आते ही हिरासत में ले लिया गया. जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की वापसी की कार्रवाई डेनमार्क के साथ मिलकर की गई जबकि अमेरिका ने लॉजिस्टिक मदद दी.
जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि बच्चे बेकसूर हैं, वे बिना किसी गलती के इस स्थिति में फंस गए. मास ने कहा, "बच्चे अपनी स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. माताओं को अपने कृत्यों के लिए जवाब देना होगा" गिरफ्तार महिलाओं के खिलाफ आपराधिक जांच चल रही है. सुरक्षा सूत्रों ने जर्मनी की समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि छह महिलाओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. विदेश मंत्री ने कहा कि लौटे हुए बच्चों के लिए "सुरक्षा और रहने के लिए बेहतर वातावरण देने के लिए" हर संभव प्रयास करना महत्वपूर्ण है. विदेश मंत्रालय का कहना है, "बच्चों को सुरक्षा की विशेष आवश्यकता है. युवा कल्याण अधिकारी जांच कर रहे हैं कि बच्चों को कहां रखा जा सकता है. कुछ के पास अभी भी जर्मनी में कानूनी अभिभावक हैं" सीरिया में कहां थीं ये महिलाएं जर्मनी लौटने से पहले महिलाओं और उनके बच्चों को पूर्वोत्तर सीरिया के रोज इलाके में कुर्दों के एक हिरासत शिविर में रखा गया था.
पिछले महीने ऐसी खबर आई थी कि रोज और अल-होल स्थित हिरासत शिविरों में हर हफ्ते दो बच्चे मर रहे थे. बाघौज में आतंकी समूह के अंतिम रूप से उखड़ने के बाद आईएस लड़ाकों के परिवारों को इन केंद्रों में ले जाया गया था, जो कि इस इलाके में इस्लामिक स्टेट के पतन का संकेत था. पश्चिमी देशों की सरकारें कई महीनों से इस सवाल से जूझ रही हैं कि मार्च 2019 में इस्लामिक स्टेट के पतन के बाद से 'आईएस' में शामिल होने के लिए गए नागरिकों और उनके परिवारों का क्या किया जाए. आतंकवादी समूह में शामिल रहे लोगों की वापसी को स्वीकार करने में इन देशों में एक स्तर की अनिच्छा रही है. खासतौर पर उनसे संभावित खतरे और नकारात्मक जनमत को देखते हुए यह चिंताएं अधिक थीं. जर्मनी में, आतंकवाद का रास्ता छोड़कर वापस आए और कुछ अन्य आरोपों के संदेह पर पहले ही कई लोगों पर मुकदमा चल चुका है..


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