पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मामला, विचार कर रही शहबाज शरीफ की सरकार
पाकिस्तान सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और गिलगित-बाल्टिस्ताव व खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ देशद्रोह के एक मामले की शुरुआत करने पर विचार-विमर्श कर रही है।
पाकिस्तान सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और गिलगित-बाल्टिस्ताव व खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ देशद्रोह के एक मामले की शुरुआत करने पर विचार-विमर्श कर रही है। शहबाज शरीफ की सरकार यह कदम पिछले महीने सरकार पर हमले की एक कथित योजना को लेकर उठा रही है।
गुरुवार को गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह खान की अध्यक्षता में कैबिनेट की विशेष समिति की एक बैठक हुई थी। इसमें खान और अन्य के खिलाफ उनके आजादी मार्च को लेकर देशद्रोह के आरोप लाने के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। कैबिनेट के अनुसार आजागी मार्च ने इस्लामाबाद को विनाश की राह पर ला दिया था।
इस मार्च के तहत जल्द चुनाव आयोजित करने की मांग के साथ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता व समर्थक 25 मई को इस्लामाबाद पहुंच कर प्रदर्शन करने वाले थे। लेकिन प्रदर्शकों और पुलिस के बीच टकराव की घटनाएं होने की वजह से यह मार्च अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाया था।
इस दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर इमरान खान और अन्य के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार विकल्पों पर चर्चा कर रही है। जानकारी के अनुसार कैबिनेट की विशेष समिति को पीटीआई के मार्च और सरकार पर हमले के इसकी औपचारिक योजना के बारे में जानकारी दी गई थी।
कैबिनेट समिति ने पीटीआई के चेयरमैन और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान व गिलगित बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 124ए के तहत देशद्रोह के मामले की शुरुआत करने पर विचार-विमर्श किया।
बाद में बैठक को सोमवार (छह जून) तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। छह जून को होने वाली बठक में कैबिनेट के लिए अंतिम सिफारिशें तैयार करने के लिए आगे की चर्चा की जाएगी। गृह मंत्री ने कैबिनेट ने खान के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की सिफारिश करने का अनुरोध किया है।
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद के लिए चीन ने एक बार फिर हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने गुरुवार को कहा था कि चीन के बैंकों ने हमारे देश को 2.3 अरब डॉलर के पुन: वित्तपोषण पर सहमति जताई है, जिससे पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी।
इस्माइल ने एक ट्वीट में कहा कि चीनी बैंकों की ओर से जमा लगभग 2.3 अरब डॉलर के पुन: वित्तपोषण के नियम और शर्तों पर सहमति जताई गई है। पाकिस्तान स्टेट बैंक के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह मई को खत्म सप्ताह के दौरान 19 करोड़ डॉलर घटकर 10.308 अरब डॉलर ही रह गया था।