जर्मनी में बुधवार को पूरे दिन नहीं चलीं ट्रेन, स्टेशनों पर सन्नाटा, जानें कारण

जर्मनी बुधवार को एक तरह से थम सा गया

Update: 2021-08-11 13:01 GMT

जर्मनी बुधवार को एक तरह से थम सा गया. जर्मनी में रेलवे कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण बुधवार को कई स्थानों पर लंबी दूरी की रेल सेवाएं और यात्री रेल सेवाएं ठप पड़ गईं. लोगों को यात्रा योजनाओं में बदलाव करने पड़े और बर्लिन जैसे बड़े शहरों में बच्चों को स्कूल जाने के लिए बसों और ट्राम का सहारा लेना पड़ा.

रेलवे कंपनी डॉयचे बान की ओर से कहा गया कि दो दिवसीय हड़ताल के परिणामस्वरूप बुधवार और गुरुवार को लंबी दूरी की ट्रेनों में से केवल एक चौथाई का ही संचालन होगा. कंपनी ने यात्रियों से गैर-जरूरी यात्रा न करने को कहा. जीडीएल यूनियन के सदस्यों ने हड़ताल मंगलवार रात शुरू की थी. यूनियन ने कहा कि उसके 95 फीसदी कर्मचारियों ने वेतनवृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल का समर्थन किया है. उनकी मांग 3.2 फीसदी वेतन वृद्धि और एकमुश्त 'कोरोना वायरस बोनस' के रूप में 703 डॉलर देने की है.
यूनियन की मांग मानने को तैयार नहीं
जर्मनी की रेलवे प्रदाता डॉयचे बान ने यूनियन की मांगों को अस्वीकार कर दिया है. वैश्विक महामारी के कारण कंपनी को काफी घाटा उठाना पड़ा है. हाल में आई बाढ़ के चलते कई स्थानों पर रेलरोड ट्रेक को भी बहुत नुकसान पहुंचा है. जर्मनी के 16 राज्यों में से 11 में गर्मियों की छुट्टियां चल रही हैं. इस दौरान लोग आवागमन के लिए रेलगाड़ियों पर बहुत हद तक निर्भर करते हैं. बर्लिन में सोमवार को स्कूल खुले लेकिन 'एस-बान' यात्री रेलगाड़ियां नहीं चलने और सड़कों पर निजी गाड़ियों की भीड़भाड़ के कारण बच्चों को परेशानी उठानी पड़ी.
अपडेट जारी है
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