यूएई के राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने पहुंचे कई देशों के शीर्ष नेता, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी आए नजर
यूएई में मौजूद भारतीय समुदाय की असाधारण देखभाल की, जो उनके प्रति बेहद सम्मान रखते थे।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाह्यान के निधन के बाद कई देशों के शीर्ष नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू यूएई के राष्ट्रपति के निधन पर भारत की ओर से शोक व्यक्त करने रविवार को अबू धाबी पहुंचे। कई वर्षों तक बीमारी से जूझने के बाद शुक्रवार को शेख खलीफा का निधन हो गया था। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने भी रविवार को अबूधाबी पहुंचकर दिवंगत राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी। मैक्रों ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से मुलाकात कर शेख खलीफा के निधन पर शोक जताया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग भी रविवार रात तक शोक जताने के लिए अबूधाबी पहुंच सकते हैं। वहीं, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिवंगत राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने पहुंचेगा। अरब देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और जॉर्डन के शासक अब्दुल्ला-द्वितीय ने भी शनिवार को यूएई की यात्रा कर शेख खलीफा बिन जायद अल नाह्यान के निधन पर शोक व्यक्त किया था।
उपराष्ट्रपति नायडू यूएई पहुंचे
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने उपराष्ट्रपति के आगमन की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू संयुक्त अरब अमीरात के दिवंगत राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान को श्रद्धांजलि देने अबू धाबी पहुंचे। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उपराष्ट्रपति नायडू यूएई के राष्ट्रपति के निधन पर भारत सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए 15 मई को यूएई की यात्रा करेंगे।
भारत में एक दिन का शोक, पीएम मोदी ने जताया दुख
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शेख खलीफा के निधन पर शोक व्यक्त किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए शनिवार को नई दिल्ली में यूएई दूतावास गए। भारत ने शेख खलीफा के सम्मान में शनिवार को एक दिन का राष्ट्रीय शोक रखा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के नेतृत्व में भारत-यूएई संबंध दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए बहुत समृद्ध हुए। उन्होंने यूएई में मौजूद भारतीय समुदाय की असाधारण देखभाल की, जो उनके प्रति बेहद सम्मान रखते थे।