चीन-पाक को बताया धार्मिक स्वतंत्रता का दुश्मन, अमेरिका ने सुनाई खरी-खरी

इस स्वतंत्रता को बचाए रखने के लिए जरुरी बदलाव लाएं और इसका उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें।

Update: 2021-11-18 10:36 GMT

धार्मिक आजादी के उल्लंघन के लिए विशेष चिंता वाले देश की लिस्ट में एक बार फिर से पाकिस्तान का नाम आया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस बात की जानकारी दी है। पाकिस्तान के साथ ही तालिबान को लेकर भी विशेष चिंता जताई गई है।

इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने सबसे पहले दिसंबर 2018 में पाकिस्तान को इस लिस्ट में रखा और 2020 में भी इसे बरकरार रखा था। अब बाइडेन प्रशसन ने भी पाकिस्तान को लिस्ट में रखा है। पाकिस्तान को कथित रूप से धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में शामिल होने या सहन करने के लिए लिस्ट में रखा गया है।
ब्लिंकन ने एक बयान में कहा है कि म्यांमार, चीन, इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर गंभीर उल्लंघनों में शामिल होने या सहन करने के लिए विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित कर रहा हूं। उन्होंने आगे बताया है कि मैं अल्जीरिया, कोमोरोस, क्यूबा और निकारागुआ जैसे देशों को स्पेशल वॉच लिस्ट में रख रहा हूं जहां धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन देखे जा रहे हैं।
ब्लिंकन ने बताया है कि अल-शबाब, बोको हराम, हयात तहरीर अल-शाम, हौथिस, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया, इस्लामिक स्टेट-ग्रेटर सहारा, इस्लामिक स्टेट-पश्चिम अफ्रीका, जमात नस्र अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमिन और तालिबान को विशेष चिंता की संस्थाओं के तौर पर नामित किया है। उन्होंने कहा है कि हम सभी सरकारों पर लगातार दबाव बनाते रहेंगे कि वो अपने कानूनों में इस स्वतंत्रता को बचाए रखने के लिए जरुरी बदलाव लाएं और इसका उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें।
 
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