आज शनि और कल बृहस्पति के साथ होगा चांद, निहारने का खास मौका

चाँद को निहारने का खास मौका

Update: 2021-08-21 13:55 GMT

खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए आने वाली कुछ रातें काफी खास होने वाली हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा शनिवार को शनि ग्रह के साथ होगा और रविवार को बृहस्पति ग्रह के साथ सफर तय करेगा (Saturn Moon Conjunction). इस दौरान चंद्रमा के खूबसूरत छल्लों को निहारा जा सकेगा.

हालांकि इसे नंगी आखों से नहीं देखा जा सकता, बल्कि इसके लिए दूरबीन की जरूरत पड़ेगी. शनि 21 अगस्त को चंद्रमा के साथ होगा, इस दौरान इसे आसानी से पहचाना जा सकेगा (Saturn With Moon). चंद्रमा में पहले से ज्यादा चमक दिखेगी. साथ ही शनि ग्रह भी चमकते सितारे की तरह दिखेगा. इन दोनों के बीच केवल 3.7 डिग्री की दूरी रह जाएगी.
रात के आखिरी पहर तक इन्हें देखा जा सकेगा. जो लोग शनि ग्रह के प्रति दिलचस्पी रखते हैं, वो शनि के चंद्रमा को भी देख सकेंगे (Jupiter With Moon). इस ग्रह की बात करें, तो इसपर अभी तक कुल 82 चंद्रमा की पहचान की गई है. जबकि अभी 29 चंद्रमा की पुष्टी होना बाकी है.
इसके अगले दिन यानी रविवार को चंद्रमा बृहस्पति ग्रह के करीब होगा. इनके बीच की दूरी केवल चार डिग्री की होगी. बृहस्पति की खूबसूरती भी देखते ही बनेगी (Jupiter Moon). इससे पहले गुरुवार को एक ओर बुध मंगल ग्रह के नजदीक पहुंच गया था. तो वहीं दूसरी तरफ बृहस्तपति ग्रह आसमान में अपनी चमक बिखेर रहा था.
मंगल और बुध के इस तरह के मिलन को अकल्टेशन कहा जाता है. बृहस्तपति के साथ उल्टा है, जब सूर्य अस्त हो रहा होता है, तब वो उदय होता है. इस दौरान वो पृथ्वी के काफी नजदीक भी होता है. इस साल कई सारी खगोलीय घटनाएं देखने को मिल रही हैं और आने वाले कुछ और समय भी दिखती रहेंगी (Meteor Shower). हाल ही में उल्कापिंड की बारिश का मौसम रहा, जब दुनिया में कई जगह उस्कापिंड देखे जाने की खबर आई.
इसके अलावा इसी महीने नॉरदर्न लाइट्स को भी देखा जा सकता है (Northern Lights). हालांकि ये नजारा यूरोपीय देश नार्वे और स्वीडन में ज्यादा अच्छे से देखने को मिलता है. यहां कई जगहों पर तो बिना दूरबीन के ही नॉरदर्न लाइट्स देखी जा सकती हैं. नॉरदर्न लाइट्स की बात करें, तो सूरज आग का गोला होता है और उसमें से उठने वाली लपटें एक तरह की प्राकृतिक घटना. इन्हें चार्ज्ड पार्टिकल्स भी कहते हैं (What is Northern Lights). जो पृथ्वी पर पहुंचने में दो से चार दिन का समय लेती हैं. जब ये हवाएं पृथ्वी के वातावरण से टकराती हैं, तो इससे तेज रोशनी उत्पन्न होती. इसे ही नॉरदर्न लाइट्स कहते हैं.
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