रूस यूक्रेन युद्ध का आज 11वां दिन, हर तरफ तबाही का मंजर, ऐसे जंग हो सकती है खत्म!

Update: 2022-03-06 05:10 GMT

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia-Ukraine War) का आज 11वां दिन है. तीसरे विश्व युद्ध (World War) को लेकर चिंता बढ़ी है. बहुत से लोग ये सोच रहे है कि ये लड़ाई आखिर कब तक चलेगी? इस बीच एक्सपर्ट्स ने ऐसी परिस्थितियों का जिक्र किया है जिनके दायरे में युद्ध खत्म हो सकता है. हालांकि इनमें ज्यादातर स्थिति काफी भयावह नजर आती है. वहीं आप को ये भी स्पष्ट कर दें कि ये सब स्थितियां महज कयास हैं, काल्पनिक हैं, लेकिन इनसे कुछ हद तक भविष्य की एक तस्वीर को समझने में मदद मिल सकती है.

बीबीसी में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग जब खत्म होगी तो क्या स्थितियां होगी? क्या ये लड़ाई कुछ और देशों को अपनी चपेट में ले सकती है? यही वजह है कि Russia-Ukraine Crisis पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं और कई जानकार अपने-अपने हिसाब से युद्ध का प्रभाव समझने की कोशिश कर रहे हैं.
इस कयास के तहत, रूस कम दिन तक चलने वाला निर्णायक युद्ध लड़ सकता है. वो फाइनल अटैक करके 'कीव' पर कब्जे के साथ जंग के खात्मे करने का ऐलान कर सकता है. वहां मास्को समर्थक 'कठपुतली' सरकार भी बैठाई जा सकती है. वहीं अगर राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) की हत्या जो जाती है या वो देश छोड़ कर भाग जाते हैं तो भी जंग खत्म हो सकती है.
वहीं इस बात के कयास सबसे ज्यादा लग रहे हैं कि युद्ध लंबा खिंच सकता है. इसमें रूस को भारी नुकसान दिखता है. 1990 के दशक में रूस, चेचन्या में ऐसी स्थिति का सामना कर चुका है. ऐसा तभी संभव है जब पश्चिमी देशों से यूक्रेन को लगातार रसद, हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई मिलती रहे. आज ही यूरोपियन यूनियन (EU) ने यूक्रेन को हजारों करोड़ की आर्थिक मदद भेजी है.
युद्ध कब खत्म होगा इसकी तीसरी संभावना ये जताई गई है कि यूक्रेन के बाद पुतिन दूसरे पड़ोसी देशों पर कब्जे की कोशिश कर सकते हैं. वहीं पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को हथियार देने के जवाब में पुतिन भी NATO मेंबर बाल्टिक राज्यों (Baltic States) जैसे Lithuania में सेना भेजने की धमकी दे सकते हैं. ऐसे में यूरोप में भीषण युद्ध छिड़ सकता है. हालांकि, इसकी आशंका कम है लेकिन कहा जा रहा है कि अगर पुतिन यूक्रेन में मात खाते हैं तो फेस सेविंग के लिए वो उकसावे वाली कार्रवाई कर सकते हैं.
एक स्थिति ये भी बन सकती है कि यूक्रेन से जंग को लेकर रूस में पुतिन अपनी लोकप्रियता खो दें और फिर उनके हाथ से सत्ता निकल जाए. लंदन स्थित किंग्स कॉलेज के वार स्टडीज प्रोफेसर लॉरेंस फ्रीडमैन का मानना है कि कीव में सत्ता परिवर्तन की उतनी ही संभावना है जितनी कि मॉस्को में. यानी पुतिन को समर्थन दे रहे बिजनेसमैन और अन्य प्रभावशाली लोग पुतिन का साथ छोड़ दें तो रूस में विद्रोह हो सकता है. उसे दबाने के लिए पुतिन बल प्रयोग करते हैं तो भी उनकी सत्ता भी छिन सकती है.
रूस-यूक्रेन युद्ध का अभी भी राजनयिक समाधान निकलने की संभावना भले ही कमजोर हो लेकिन खत्म नहीं हुई है. पुतिन और जेलेंस्की को मनाने के लिए कई स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की है. इजराइल ने भी पुतिन से बातचीत की है.
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