ईंधन संकट को खत्म करने के लिए ब्रिटेन सरकार लेंगे सेना की मदद, 200 मिलिट्री टैंकर भेजें
ब्रिटेन ने कई हफ्तों से चल रहें।
ब्रिटेन ने कई हफ्तों से चल रहें। ईंधन संकट को कम करने के लिए सेना की मदद लेनी शुरु कर दी है। सरकार ने तेल सप्लाई के लिए 200 मिलिट्री टैंकर भेजने की घोषणा की है। ये टैंकर तेल संकट से जूझ रहे देश में अस्थाई रूप से मदद करने का काम करेंगे। ब्रिटेन में तेल संकट की यह समस्या तेल पहुंचाने वाले वाहनों के ट्रक ड्राईवरों की कमी के कारण पैदा हुई है।
सरकार ने बताया कि सेना के ये जवान वर्तमान में देश में ट्रेनिंग ले रहें हैं और सोमवार से ईंधन को पहुंचाने के काम में निकल जाएंगे। देश के रक्षामंत्री ने इस पूरे अभियान को 'ऑपरेशन एस्केलिन' नाम दिया है। रक्षा मंत्री ने बताया कि अब स्थिति में काफी सुधार हुआ है। लेकिन हमारे जवान किसी भी मुश्किल स्थिति से निबटने के लिए तैयार हैं। वे यह सुनिश्चित करेंगें की देश में सभी जरूरी जगहों पर ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित होती रहे।
अब स्थिति सामान्य हो रही
देश के व्यापार सचिव क्वासी क्वार्टेंग ने भी बताया कि अब स्थिति में काफी सुधार हुआ है। देश में खरीद से ज्यादा सप्लाई चालू है। लेकिन अब भी कुछ क्षेत्रों में समस्या बनी हुई हैै। तेल की सप्लाई सामान्य स्तर पर आ गई है और सभी इंडस्ट्रीयों को पर्याप्त ईंधन मिलने लगा है। लोगों को यह जानना चाहिए कि देश में तेल की कोई कमी नहीं है, सभी को सामान्य रूप से तेल की खरीदारी शुरु करनी चाहिए। जितनी जल्दी ये शुरु हो जाएगी उतनी जल्दी ही हम इस समस्या से पूरी तरह निकल पाएंगे।
सरकार ने जारी किया इमरजेंसी वीजा
ब्रिटेन की सरकार ने तत्काल रूप से 4700 विदेशी ट्रक ड्राईवरों को वीजा दिया है जो अक्टूबर के अंत से लेकर फरवरी 2022 तक के लिए मान्य रहेगा । सरकार को अब इस बात की चिंता है कि वीजा देना केवल अस्थाई उपाय है और सरकार स्थानीय लोगों को ज्यादा काम देना चाहती है ना कि मंहंगे विदेशी कामगारों को ।
क्या है इस समस्या का कारण
ब्रिटेन में आए पेट्रोलियम संकट का मुख्य कारण ट्रक ड्राइवरों की भारी कमी को बताया जा रहा है। इस वजह से ईंधन के परिवहन में काफी समस्या सामने आ रही है। ड्राइवरों की कमी के कारण ईंधन रिफाइनरी से निकलकर पेट्रोल पंपों तक ही नहीं पहुंच पा रहा। इस कमी का मुख्य कारण कोरोना महामारी तो है ही, लेकिन इस समस्या की जड़ में कहीं न कहीं ब्रेग्जिट यानी ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की भी झलक साफ दिखाई पड़ती है।
ब्रेग्जिट के बाद बड़ी संख्या में विदेशी ड्राइवरों ने ब्रिटेन छोड़ दिया था। इसके बाद से ही वहां ड्राइवरों की किल्लत देखी जाने लगी थी। इसके अलावा पेट्रोल की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही थी। एक अनुमान के मुताबिक, ब्रिटेन में अभी एक लाख ड्राइवरों की कमी है। पेट्रोलियम कंपनियों का भी कहना है कि समस्या की वजह ईंधन की कमी नहीं है। परिवहन करने वाले बेहतर ड्राइवरों की कमी बड़ी समस्या है।