TLP के मुखिया साद रिजवी का नाम आतंकी की सूची से हटाया, सौ से ज्यादा जघन्य मामलों में रहा है शामिल

गोपनीय समझौते से कुछ रोज पहले ही केंद्रीय कैबिनेट ने टीएलपी को अतिवादी संगठन बताते हुए उसे कुचल देने की बात कही थी।

Update: 2021-11-12 02:13 GMT

पाकिस्तान में पंजाब की सरकार ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के मुखिया साद रिजवी का नाम आतंकियों की सूची से हटा दिया है। रिजवी को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। जल्द ही उसकी कोट लखपत जेल से रिहाई हो जाएगी। टीएलपी के अक्टूबर में हुए हिंसक आंदोलन में रिजवी की रिहाई भी प्रमुख मांग थी। बाद में इमरान सरकार ने सैकड़ों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार प्रतिबंधित संगठन से गुप्त समझौता किया।

पंजाब सरकार ने अधिसूचना जारी कर रिजवी को एंटी टेरेरिज्म एक्ट 1997 से मुक्त किए जाने की घोषणा की है। पंजाब सरकार के एक विश्वसनीय सूत्र के अनुसार रिजवी पर आतंकवाद, हत्या, हत्या के प्रयास, लोगों को भड़काने और अन्य जघन्य अपराधों के 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। उसके नेतृत्व में हुए हिंसक आंदोलनों और हमलों में दर्जनों पुलिस वाले मारे जा चुके हैं, बावजूद इसके सरकार ने किस आधार पर उसे आतंकी सूची से बाहर किया है यह बात स्पष्ट नहीं की गई है।
दो हजार से ज्यादा टीएलपी कार्यकर्ता किए गए रिहा
मुस्लिम विद्वानों की मध्यस्थता में इमरान सरकार और टीएलपी के बीच हुए समझौते में टीएलपी पर से प्रतिबंध हटाया गया है, उसके दो हजार से ज्यादा कार्यकर्ता जेल से रिहा किए गए हैं और अब साद रिजवी का नाम आतंकी सूची से हटाया गया है। विरोधियों के अनुसार इमरान ने कट्टरपंथी संगठन के आगे घुटने टेक दिए हैं। इस समझौते के बाद टीएलपी ने भी अपना आंदोलन वापस ले लिया है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में टीएलपी एक राजनीतिक दल के रूप में कार्य करेगा और अब उसे चुनावों से बाहर रखने का कोई कारण नहीं बचा है। मामले का रोचक तथ्य यह है कि इमरान सरकार के साथ हुए गोपनीय समझौते से कुछ रोज पहले ही केंद्रीय कैबिनेट ने टीएलपी को अतिवादी संगठन बताते हुए उसे कुचल देने की बात कही थी।


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