तिब्बत के पहले आरसीईपी उत्पत्ति-स्थल प्रमाण पत्र पर किए गए हस्ताक्षर

ल्हासा कस्टम्स से 29 मार्च को मिली खबर के अनुसार, ल्हासा कस्टम्स के अधीनस्थ पाख्वो कस्टम ने तिब्बत में पहले क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) उत्पत्ति स्थल के प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर किए।

Update: 2022-03-30 18:14 GMT

बीजिंग: ल्हासा कस्टम्स से 29 मार्च को मिली खबर के अनुसार, ल्हासा कस्टम्स के अधीनस्थ पाख्वो कस्टम ने तिब्बत में पहले क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) उत्पत्ति स्थल के प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस खेप का उत्पाद इसी क्षेत्र में एक कंपनी द्वारा उत्पादित हस्तनिर्मित तिब्बती कालीन है, जो जापान में निर्यात किया जाता है। प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने से जाहिर है कि यह कंपनी तिब्बत में बोनस का आनंद लेने वाली पहली कंपनी बन गई है।

इस कंपनी के सीमा शुल्क एजेंट के मुताबिक, आरसीईपी के प्रभावी होने के बाद कंपनी द्वारा जापान में निर्यात की गयी वस्तुओं को ज्यादा सुविधाएं मिलीं। आरसीईपी समझौते की कर दरों में निरंतर कमी के साथ, उत्पादों की बाजार प्रतिस्पर्धात्मक शक्ति और बढ़ेगी, अंतर्राष्ट्रीय बाजार का विस्तार किया जाएगा, और अधिक स्थिर सहकारी संबंध स्थापित किए जाएंगे।

बताया जाता है कि आरसीईपी सदस्य देशों के बीच पारस्परिक टैरिफ में रियायतें दी जाती हैं। उद्यम उत्पत्ति-स्थल प्रमाण-पत्र से ज्यादा स्वतंत्र और सुविधाजनक रूप से फायदा उठा सकेंगे। जबकि गंतव्य क्षेत्र में 90 प्रतिशत से अधिक उत्पाद शून्य टैरिफ प्राप्त कर पाएंगे।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)


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