बगदाद में स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दागे गए तीन रॉकेट्स, सेना ने दी जानकारी

इसके बाद ईराक में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी घटकर 2500 रह गई.

Update: 2021-04-23 06:59 GMT

इराक (Iraq) की राजधानी बगदाद में स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Baghdad international airport) पर तीन रॉकेट्स दागे (Rockets Attack) गई हैं. इराकी सेना (Iraqi military) ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. सेना के बयान में कहा गया है कि कुल मिलाकर आठ मिसाइलों को दागा गया, जिसमें से तीन एयरपोर्ट के कॉम्पलैक्स के पास में आकर गिरीं. बयान में इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि इस हमले में कोई हताहत हुआ है या नहीं. हाल के दिनों में इराक में मिसाइल हमलों में इजाफा देखा गया है.

ये रॉकेट्स उन इलाकों में गिरे हैं, जहां इराकी सुरक्षाबलों के जवान मौजूद रहते हैं. बताया गया है कि एक रॉकेट सेंट्रल प्रिजन के पास, दूसरा काउंटर-टेररिज्म सर्विस की एकेडमी के पास और तीसरा रैपिड रिस्पांस रेजिमेंट के मुख्यालय के पास जाकर गिया. अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने पहले ईरान समर्थित मिलिशिय समूहों को ऐसे हमलों के लिए जिम्मेदार बताया है.
रविवार को बलाद एयरबेस को बनाया गया निशाना
हाल के दिनों में इराक में स्थित अमेरिकी प्रतिष्ठानों को रॉकेट हमलों के जरिए निशाना बनाया गया है. रविवार को इराकी एयरबेस को निशाना बनाकर कई राकेट्स दागे गए. इस एयरबेस पर अमेरिकी सैनिक भी ठहरे हुए हैं. इस हमले में दो इराकी सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. इराकी सेना के कमांडर मेजर जनरल दिया मोहसेन ने इराक की आधिकारिक संवाद एजेंसी को बताया था कि बलाद एयरबेस (Balad Airbase) के भीतर कम से कम दो रॉकेट धमाके हुए. यह ठिकाना अमेरिकी प्रशिक्षकों का आवास है. मोहसेन ने बताया था कि हमले में दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है. उन्होंने कहा था कि बेस के भीतर किसी चीज को नुकसान नहीं हुआ है.
2014 में इराक लौटी अमेरिकी सेना
बता दें कि 2011 में अमेरिकी सेना इराक से चली गई थी, लेकिन 2014 में इराक ने इस्लामिक स्टेट (Islamic State) से लड़ने के लिए अमेरिकी सेना की मदद मांगी. इसके बाद अमेरिका की सेना और ईराकी सेना के साथ मिलकर IS के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत की. IS ने उस दौरान ईराक के उत्तर और पश्चिम के एक बड़े इलाके पर कब्जा जमा लिया था. 2020 के आखिर में ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी सैनिकों को देश वापस बुलाना शुरू कर दिया. इसके बाद ईराक में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी घटकर 2500 रह गई.


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