चीन की विवादित लैब के तीन शोधकर्ताओं ने मांगा था मेडिकल उपचार के लिए सहयोग

डेढ़ साल पूर्व चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस अब तक दुनिया में 34 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है लेकिन इसकी उत्पत्ति विवादित है।

Update: 2021-05-25 01:25 GMT

डेढ़ साल पूर्व चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस अब तक दुनिया में 34 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है लेकिन इसकी उत्पत्ति विवादित है। अब अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन के वुहान इंस्टीट्यूट के तीन शोधकर्ताओं ने महामारी से कई माह पहले ही मेडिकल मदद मांगी थी। इससे बल मिलता है कि यह वायरस इसी लैब से फैला है।

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि दुनिया में कोरोना वायरस फैलने से करीब एक माह पहले ही वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के तीन शोधकर्ता 2019 में बीमार पड़े थे और उन्होंने अस्पताल की मदद मांगी थी। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में वुहान लैब के बीमार शोधकर्ताओं की संख्या, उनके बीमार पड़ने के समय और अस्पताल से जुड़ी सूचनाएं विस्तार से दी हैं।
अहम बात यह है कि इस वक्त तक पूरी दुनिया कोविड-19 के नाम तक से अनजान थी। इस रिपोर्ट ने उन दावों को फिर से हवा दे दी है कि वायरस चमगादड़ों से मनुष्यों में नहीं आया बल्कि चीन की एक परीक्षण लैब से फैला है। अमेरिकी सरकार ने रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता ने कहा कि बाइडन प्रशासन के महामारी को लेकर गंभीर सवालों में इसके स्रोत का चीन में होना भी शामिल है।
डब्ल्यूएचओ में अगले चरण पर चर्चा संभव
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट से पहले भी अमेरिका, नॉर्वे, कनाडा, ब्रिटेन और कई अन्य देशों ने मार्च में डब्ल्यूएचओ की जांच को लेकर सवाल उठाए थे और इस बारे में आगे भी जांच करने की मांग की थी। भारतीय समयानुसार मंगलवार को डब्ल्यूएचओ एक बैठक करने जा रहा है जिसमें वायरस की उत्पत्ति को लेकर अगले चरण की जांच पर चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है कि इस खुफिया रिपोर्ट से डब्ल्यूएचओ को वायरस की उत्पत्ति के बारे काफी मदद मिल सकती है। इस रिपोर्ट को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी दिनों में विदेश मंत्रालय ने फैक्ट शीट में जारी किया था।
चीन बौखलाया, ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहा अमेरिका
खुफिया रिपोर्ट को लेकर चीन ने बौखलाहट भरी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ की टीम फरवरी में ही कह चुकी है कि इसके वुहान से फैलने की आशंकाएं बहुत कम हैं। चीन ने कहा, अमेरिका वुहान लैब से वायरस लीक होने के सिद्धांत को जरूरत से ज्यादा हवा दे रहा है। ऐसा लगता है कि अमेरिका स्रोत खोजने को लेकर चिंतित होने के बजाय ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहा है।
डॉ. फॉसी ने कहा, प्राकृतिक नहीं है वायरस
कोरोना वायरस आज भी पहेली बनी हुई है। अमेरिकी वायरस विशेषज्ञ और राष्ट्रपति जो बाइडन के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी ने कहा है कि कोरोना एक प्राकृतिक बीमारी है, यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। एक साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि क्या यह वायरस प्राकृतिक है तो उन्होंने कहा, मैं इस पर भरोसा नहीं करूंगा। उन्होंने कहा, इसकी जांच जरूरी है कि चीन की लैब में इसकी उत्पत्ति कैसे हुई?

Tags:    

Similar News

-->