पेशावर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के विभिन्न शहरों में तीसरे दिन भी हजारों लोग सड़कों पर उतरे। उन्होंने पिछले महीने पेशावर में एक मस्जिद में हुए बम विस्फोट और उग्रवाद के उदय की निंदा की। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उलसी पासून (सार्वजनिक विद्रोह) के नारे के तहत मोहमंद, मलकंद, लक्की मरवत और अन्य क्षेत्रों में शांति रैलियां आयोजित की गईं।
मोहमंद रैली में भाग लेने वाले प्रमुख लीडरों में पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) के लीडर मंजूर पश्तीन और अवामी नेशनल पार्टी के प्रांतीय महासचिव सरदार हुसैन बाबाक शामिल थे।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शांति मार्च करने वालों में ज्यादातर युवा थे, जो सफेद झंडे, तख्तियां और बैनर लिए हुए थे और सरकार से उग्रवाद को खत्म करने और स्थायी शांति सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे।
इस मौके पर किसी तरह की अप्रिय घटना न हो इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
रैली को संबोधित करते हुए पीटीएम लीडर मंजूर पश्तीन ने कहा कि उग्रवाद और बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति ने बच्चों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और आदिवासी बुजुर्गो सहित समाज के हर वर्ग को प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा, "पख्तून क्षेत्र में थोपे गए युद्ध के दौरान हर राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है।"
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पख्तूनों को एक साजिश के तहत बांटा गया था और उन्होंने अपने समुदाय के व्यापक हित में एकता दिखाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "केवल मोहमंद जनजातीय जिले के मोमंद गाट इलाके में ही कम से कम तीन दर्जन लोग मारे गए हैं।"
पीटीएम लीडर ने बुजुर्गो, मलिकों और धार्मिक विद्वानों से लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए आवाज उठाने में एकता दिखाने का आग्रह किया।