चीन की कोरोना वैक्सीन लगाने वालों को सऊदी अरब में नहीं होगा एंट्री, पाकिस्तान की बढ़ी समस्या
चीन में बनी वैक्सीन को सऊदी अरब की तरफ से मान्यता नहीं मिलने की वजह से पाकिस्तान चिंता में आ गया है.
चीन में बनी वैक्सीन को सऊदी अरब की तरफ से मान्यता नहीं मिलने की वजह से पाकिस्तान चिंता में आ गया है. हालांकि, चीन की वैक्सीन सिनोफार्म और सिनोवाक को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैक्सीनेशन के रूप में मान्यता दी है.
पाकिस्तान के आंतरिक मत्री शेख रशीद ने 6 जून को कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देख रहे हैं क्योंकि सऊदी किंगडम के साथ कुछ और भी मध्य-पूर्व के देश चीन की वैक्सीन को मान्यता नहीं दे रहे हैं. डाउन की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊद अरब में जिन वैक्सीन की सिफारिश की गई हैं वो है- फाइजर, एस्ट्राजेनिका, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सऊदी अरब के इस फैसले से चिंतित राशिद ने इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फेंस के दौरान कहा- "प्रधानमंत्री ने भी कैबिनेट से कहा कि वे इससे संबंधित मध्य-पूर्वी देशों के साथ संपर्क में हैं. सिनोफार्म अच्छी वैक्सीन है और मैं इस मामले में चीन के सहयोग को लेकर उनका धन्यवाद करता हूं. बीजिंग की बायो-इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स कंपनी लिमिटेड की तरफ से तैयार की कई गई सिनोफार्म कोविड-19 वैक्सीन को WHO ने आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है."
इससे पहले, सऊदी अरब की वैक्सीनेशन की शर्तों के देखते हुए पाकिस्तान के फेडरल मिनिस्टल ऑफ प्लानिंग डेवलपमेंट एंड स्पेशल इनिशिएटिव असद उमर ने यह घोषणा की थी कि जो भी लोग वर्क वीजा पर बाहर काम कर रहे हैं या फिर ऐसे देशों में जाने की जो छात्र योजना बना रहे हैं या फिर जो लोग हज के लिए उन देशों में जाना चाह रहे हैं उन्हें फाइजर की वैक्सीन लगाई जाएगी.