तीन बड़े 'जहाज हादसों' में भी सुरक्षित रही ये महिला, खुद सुनाई थी टाइटैनिक के डूबने की कहानी

दुनिया में कुछ कहानियां ऐसी होती हैं, जो समय बीत जाने पर भी भुलाई नहीं जातीं

Update: 2021-05-21 16:04 GMT

Violet Jessop Survived Three Disastrous Ship Accident: दुनिया में कुछ कहानियां ऐसी होती हैं, जो समय बीत जाने पर भी भुलाई नहीं जातीं. ऐसी ही एक कहानी वॉयलेट जेसोप (Violet Jessop) की है, जिन्होंने एक या दो बार नहीं बल्कि तीन बार मौत को मात दी. 2 अक्टूबर, 1887 को अर्जेंटीना में पैदा हुईं वॉयलेट उन तीन बड़े जहाजों में नर्स और परिचालिका के तौर पर काम कर चुकी हैं, जो हादसों का शिकार हुए थे. इन हादसों में से एक टाइटैनिक हादसा भी है. वॉयलेट ने सबसे पहले 21 साल की उम्र में साल 1910 में आरएमएस ओलंपिक (RMS Olympic) नाम के जहाज में नौकरी शुरू की. जो 1911 में ब्रिटिश जंगी जहाज एचएमएस से टकरा गया. 20 सितंबर को हुए इस हादसे में किसी की मौत नहीं हुई थी.


क्षतिपूर्ण होने के बावजूद भी जहाज बिना डूबे बंदरगाह तक आने में कामियाब रहा. हालांकि जेसोप ने अपने संस्करण में इस टक्कर के बारे में बात नहीं की है. दूसरा हादसा था आरएमएस टाइटैनिक (Titanic Accident) का. 10 अप्रैल, साल 1912 में वॉयलेट आरएमएस टाइटैनिक (RMS Titanic) जहाज पर सवार थीं. लेकिन चार दिन बाद 14 अप्रैल को ये जहाज बर्फ की एक बड़ी चट्टान से टकरा गया और फिर दो घंटे 40 मिनट बाद ही समुद्र में डूब गया. इस हादसे में 1500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे लेकिन वॉयलेट को खंरोच तक नहीं आई. उन्होंने बाद में इस हादसे की पूरी कहानी भी सुनाई थी.

विस्फोट से डूबा था तीसरा जहाज
हादसे की अगली सुबह वॉयलेट सहित अन्य लोगों को आरएमएस कार्पथिया से सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था. वायलेट ने एक बच्चे को भी अपनी गोद में पकड़ा हुआ था, जिसे कार्पथिया में सवार एक महिला ने अपनी गोद में ले लिया. वह जहाज के तट पर पहुंचते ही रोते हुए भाग गई. इसके बाद वॉयलेट ने 1916 में एचएमएचएस ब्रिटैनिक (HMHS Britannic) में काम करना शुरू किया.

ये पहले विश्व युद्ध का समय था. 21 नवंबर, 1916 की सुबह भी आम दिनों की तरह ही थी. लेकिन इस दिन फिर एक हादसा हुआ. अस्पताल के तौर पर परिवर्तित किया गया ये जहाज भी एक विस्फोट के बाद डूब गया. इसके मलबे की बाद में जांच की गई और तब पता चला कि ऐसा हो सकता है कि जहाज सागर में बनी किसी खदान में घुस गया था.

30 लोगों की हुई थी मौत
तीसरे हादसे पर एक फिल्म भी बनी है. 55 मिनट में ही जहाज डूब गया था. जिससे उसमें सवार 1,066 लोगों में से 30 की मौत हो गई. निजी जीवन की बात करें तो वॉयलेट छह भाई बहन में सबसे बड़ी थीं. उनका जीवन अपने छोटे भाई बहन की देखभाल में ही बीत गया. बाद में उनका परिवार अर्जेंटीना से इंग्लैंड आ गया था. बचपन में उन्हें टीबी की भी बीमारी हो गई थी.
डॉक्टरों को लगता था कि वह जी नहीं पाएंगी (Violet Jessop Story in Hindi). लेकिन उन्होंने हिम्मत से काम लिया और जिंदगी को खूब जिया. वह 16 साल की ही थीं, जब उनके पिता की मौत हो गई. जिसके चलते वॉयलेट पर छोटी सी उम्र में परिवार की जिम्मेदारी आ गई. 5 मई, 1971 को 83 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई. वह दुनिया से बेशक चली गईं लेकिन दुनिया वाले आज भी उनकी बात करते हैं.
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