चीन की ये सच्‍चाई बहुत ही डराने वाली, हत्‍यारे डॉक्‍टर जो कैदियों को मारकर निकाल लेते हैं उनका दिल

कैदियों के ब्रेन डेड को करीब से चेक किया जाता है ताकि ये पता लगाया जा सके कि वाकई वो बिना वेंटिलेटर सांस नहीं ले सकता है।

Update: 2022-07-04 07:45 GMT

बीजिंग: हर दूसरे देश की जमीन हथियाने वाले और उइगर मु‍सलमानों पर अत्‍याचार के लिए 'कुख्‍यात' चीन का एक और काला सच है, जिसके बारे में आपको शायद ही पता हो। ऑस्‍ट्रेलिया समेत कई और देशों ने रिसर्च करके चीन की इस काली सच्‍चाई का पता लगाया है। इस बारे में जब आपको पता लगेगा तो शायद आपके होश उड़ जाएंगे। चीन के कई डॉक्‍टर यहां के मिलिट्री हॉस्पिटल में उन कैदियों को मौत के घाट उतारने का काम करते हैं, जिन्‍हें मृत्‍युदंड मिला हुआ है। सिर्फ यही नहीं ये डॉक्‍टर्स इन कैदियों के कई अंगों को निकालकर उन्‍हें ट्रांसप्‍लांट कर देते हैं। इन कैदियों का सिर्फ दिल निकाला जाता है। चीन की इस रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्‍चाई का पता सबसे पहले साल 1990 में चला था लेकिन इसके बाद भी इस देश पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया गया। जानिए चीन के किलर्स डॉक्‍टरों के बारे में।

इस साल अप्रैल में ऑस्‍ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (ANU) की तरफ से एक स्‍टडी को अंजाम दिया गया था। इसमें मजबूती से कहा गया था राज्‍य सरकार के मिलिट्री हॉस्पिटल में डॉक्‍टर कैदियों को जान से मारने का काम करते हैं। इस स्‍टडी को अमेरिकन जर्नल ऑफ ट्रांसप्‍लांटेशन में जगह मिली थी। इसमें कहा गया था कि ट्रांसप्‍लांट सर्जरी के लिए सर्जन, कैदियों को मार देते हैं। चीनी रिकॉर्ड्स के मुताबिक ऐसे कैदी जिनका ब्रेनडेड हो चुका है, एक क्‍लासीफिकेशन जारी किया जाता है।इसमें कहा जाता है कि सर्जरी से पहले कैदी के दोबारा होश में होने या फिर सांस लेने की कोई गुंजाइश तब नहीं है जब तक इसे वेंटिलेटर पर नहीं रखा जाएगा। मगर रिसर्चर्स की मानें तो ये संभव नहीं हो सकता है।
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स्‍टडी के को-ऑथर मैथ्‍यू रॉबर्टसन की मानें तो चीन के राजकीय और मिलिट्री से जुड़े अस्‍पताल इस तरीके से कैदियों को मारने के लिए चुनते हैं क्‍योंकि ट्रांसप्‍लांट उनके लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसी तरह का दावा मानवाधिकार रिसर्चर्स की तरफ से भी किया जा चुका है। ये सर्जरी उन कैदियों पर की जाती है जिन्‍हें मौत की सजा दी गई है। रॉबर्टसन के शब्‍दों में, 'हमें इस बारे में नहीं पता कि ऑपरेटिंग टेबल पर इन कैदियों के साथ क्‍या होता है, हम बस इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि बहुत ही भयावह स्थितियां होती होंगी।'
सिर पर मारी जाती गोली
रॉबर्टसन ने बताया कि हो सकता है कि कैदियों के सिर में गोली मारी जाती हो और फिर उन्‍हें तुरंत अस्‍पताल ले जाया जाता हो। इसके अलावा उन्‍हें ड्रग का इंजेक्‍शन भी दिया जाता होगा ताकि उन्‍हें पैरालिसिस हो जाए। रिसर्चर्स ने अपनी फाइंडिंग्‍स में कहा है कि राज्‍यों के कहने पर ये डॉक्‍टर, जल्‍लाद बन जाते हैं और कैदियों को मौत की सजा देते हैं। उन्‍होंने कहा कि ये सर्जरी डॉक्‍टरों और अस्‍पतालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती हैं। रिसर्चर्सने इसके लिए चीनी भाषा में लिखे सैंकड़ों ऐसे संदेशों को पढ़ा है जो डॉक्‍टरी से जुड़े हैं। कैदियों के ब्रेन डेड को करीब से चेक किया जाता है ताकि ये पता लगाया जा सके कि वाकई वो बिना वेंटिलेटर सांस नहीं ले सकता है।

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