44 करोड़ रुपये में हुई इस पिस्तौल की नीलामी, जानें खास वजह

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Update: 2021-08-29 12:47 GMT

अमेरिका के वाइल्ड वेस्ट के खूंखार डाकू बिली द किड को जिस पिस्तौल से मारा गया, वो पिस्तौल बेहद खास बन गई है. इस पिस्तौल की नीलामी हुई, तो नीलामी घर के अधिकारी हैरान रह गए. इस पिस्तौल की अनुमान से अधिक दोगुनी बोली लगी. ये पिस्तौल 44 करोड़ रुपये में नीलाम हुई. बेवसाइड डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार कुख्यात डाकू बिली द किड को मारने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पिस्‍तौल को 6.03 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानि करीब 44,09,80,800 रुपये में नीलाम किया गया. नीलामी घर बोनहम्स की मानें तो यह अभी तक नीलाम की गई बंदूकों में सबसे अधिक कीमत है.

बोनहम्स के मुताबिक सिंगल एक्‍शन रिवॉल्‍वर के मालिक शेरिफ पैट गैरेट हैं. शुक्रवार को ऑनलाइन शुरू हुई इस नीलामी के लिए अनुमान था कि इस पिस्तौल की बोली 2 से 4 मिलियल डॉलर यानी करीब 22.04 करोड़ रुपये तक लगेगी, लेकिन इस पिस्तौल की नीलामी ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए दोगुनी कीमत प्राप्त की. नीलामी घर के अनुसार ये पिस्तौल वाइल्ड वेस्ट की सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध कहानियों में से एक के अवशेष के रूप में है. ये पिस्तौल अच्‍छी स्थिति में है और अब भी इसकी पकड़ बेहद अच्छी है. गैरेट ने 0.44 कैलिबर गन का इस्तेमाल बिली द किड को मारने के लिए किया था.

बिली द किड के बचपन का नाम हेनरी मैककार्टी था. बाद में उसने अपना नाम विलियम बोनी भी रखा था. बिली द किड ने आठ लोगों की हत्या की थी, जिसके लिए उसे अप्रैल 1881 में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई गई थी. उस समय बिली की उम्र करीब 21 वर्ष थी. फांसी लगने से पहले ही बिली जेल से फरार हो गया था. जेल से तीन महीने तक फरार रहने के बाद गैरेट ने न्यू मैक्सिको में बिली द किड के सीने में गोली मार दी. बताया गया है कि गैरेट ने बिली द किड्स गैंग के एक अन्य सदस्य से ये पिस्तौल ली थी, जिसे उसने गिरफ्तार किया था. नीलाम घर बोनहम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञ कैथरीन विलियमसन ने कहा कि ये पिस्तौल कई बार कानूनविद और डाकू दोनों के हाथों में रही है. ये पिस्तौल नीलाम की गई बंदूकों में सबसे अधिक कीमत है.

नीलाम घर के अनुसार इससे पहले सबसे अधिक कीमत में 2002 में बंदूक को नीलाम किया गया था. यह बंदूक क्रिस्‍टी ने खरीदी थी. इस फ्लिंटलॉक सैडल पिस्‍टल को रिवॉल्‍यूशनरी वॉर के दौरान जॉर्ज वाशिंगटन ने अपने पास रखा था. इसे 2002 में 14.55 करोड़ रुपये में नीलाम किया गया था.


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