शोधकर्ताओं की इस नई थेरेपी से कम होगी हार्ट अटैक और स्ट्रोक की परेशानी
नई थेरेपी से कम होगी हार्ट अटैक और स्ट्रोक की परेशानी
हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने की दिशा में शोधकर्ताओं को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने एक ऐसे नई थेरेपी विकसित की है, जिससे इन जानलेवा खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, एस्पि्रन, स्टेटिंस और ब्लड प्रेशर (बीपी) की दो दवाओं के संयोजन से यह थेरेपी तैयार की गई है। इसकी निर्धारित डोज के इस्तेमाल से हृदय रोग का खतरा आधे से भी ज्यादा कम हो सकता है।
लैंसेट पत्रिका में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया गया है। अध्ययन में शामिल किए गए दो समूहों पर फिक्स्ड-डोज काम्बिनेशन (एफडीसी) थेरेपी को आजमाया गया। एक समूह पर एस्पिरिन युक्त थेरेपी और दूसरे पर बगैर एस्पिरिन वाली थेरेपी को लेकर परीक्षण किया गया। तीन चरणों में बड़े पैमाने पर किए गए इस क्लीनिकल ट्रायल में 18 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था। इनमें से कोई भी प्रतिभागी पहले से हृदय रोग से पीड़ित नहीं था।
नतीजों के अनुसार, एस्पि्रन युक्त थेरेपी के उपयोग से हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने के खतरे में 53 फीसद और स्ट्रोक के जोखिम में 51 फीसद की कमी पाई गई। जबकि हृदय रोग से मौत का खतरा 49 फीसद कम पाया गया। दुनियाभर में हर वर्ष हृदय रोग के कारण करीब एक करोड़ 90 लाख लोगों की मौत हो जाती है। जबकि इस आंकड़े के दोगुने लोग हार्ट अटैक या स्ट्रोक का सामना करते हैं। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर फिलीप जोसेफ ने कहा, 'इस थेरेपी का व्यापक प्रभाव देखने को मिला है।'