प्रशांत महासागर में मिली थी यह ममी, शरीर इंसानों जैसी और मछली की पूंछ भी

दुनिया में कभी-कभी ऐसी चीजों से सामना हो जाता है, जिसपर आंखों को भरोसा नहीं होता. ऐसी ही एक अजीब चीज जापान में लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है. इस अजीब चीज को जलपरी कहा जा रहा है.

Update: 2022-03-08 01:33 GMT

दुनिया में कभी-कभी ऐसी चीजों से सामना हो जाता है, जिसपर आंखों को भरोसा नहीं होता. ऐसी ही एक अजीब चीज जापान में लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है. इस अजीब चीज को जलपरी कहा जा रहा है. जापानी वैज्ञानिक इस पर लंबे समय से स्टडी कर रहे हैं और इसके पीछे की अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं.

जलपरी की ममी को देख सब चकित

जापान के असाही शिंबुन अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक जापानी वैज्ञानिक 'जलपरी' का इतिहास खंगालने की कोशिश कर रहे हैं. ममी के रहस्यों को जानने के लिए, कला विश्वविद्यालय और कुराशिकी विज्ञान के शोधकर्ताओं ने कमर कस ली है. जलपरी की यह ममी 300 साल पुरानी है. इसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिय पर तेजी से वायरल हो रही हैं, सभी इस विचित्र जीव की ममी को देखकर चकित हैं.

प्रशांत महासागर में मिली थी जलपरी

रिपोर्ट में बताया गया है कि 12 इंच के इस जीव को जापानी द्वीप शिकोकू से 1736 और 1741 के बीच प्रशांत महासागर में पाया गया था. जलपरी की ममी एक बॉक्स में संरक्षित मिली थी. इस बॉक्स में एक लेटर भी मिला था जिसमें दावा किया गया था कि इसे प्रशांत महासागर में मछली पकड़ने के दौरान पाया गया था.

ऊपरी हिस्सा इंसानों का और निचला हिस्सा मछली का

रिपोर्ट में कहा गया है कि 'जलपरी' को एक परिवार ने रखा गया था. बाद में इसे एक मंदिर को दे दिया गया था. इस ममी में नुकीले दांत, मुस्कराता हुआ चेहरा, दो हाथ और उसके सिर एवं भौंह पर बाल हैं. इसका ऊपरी आधा हिस्सा इंसान का है और नीचे का आधा हिस्सा मछली जैसा है.

जलपरी और अमरत्व की कहानी

ऐसी कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं जिसमें कहा गया है कि जलपरी जैसी दिखने वाली ममी के मांस को खाने वाला व्यक्ति अमर हो जाता है. जापान में मान्यता है कि एक महिला ने गलती से एक जलपरी का मांस खा लिया और वह 800 साल तक जीवित रही.


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