नई दिल्ली: ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन हो गया है. लिज ट्रस ने नए प्रधानमंत्री के तौर पर सत्ता की बागडोर संभाल ली है. लिज ने सत्ता संभालते ही अपनी कैबिनेट की घोषणा कर दी. ब्रिटेन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि देश के शीर्ष मंत्री पदों पर गैर ब्रिटिश मूल के लोगों को नियुक्त किया गया है. नई कैबिनेट में शीर्ष चार में से तीन पदों पर गैर ब्रिटिशों को नियुक्त किया गया है. ट्रस कैबिनेट में एक ही भारतीय मूल के शख्स को जगह दी गई है, जो सुएला ब्रेवरमैन हैं. ऋषि सुनक को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई. बेन वॉलेस के मंत्रालय में बदलाव नहीं किया गया है. उन्हें रक्षा मंत्री के रूप में बरकरार रखा है. बोरिस जॉनसन सरकार में भी वॉलेस रक्षा मंत्री थे.
ट्रस ने क्वासी क्वार्टेंग (Kwasi Kwarteng) को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है. क्वासी ब्रिटेन के पहले अश्वेत वित्त मंत्री हैं. उनके माता-पिता 1960 के दशक में घाना से ब्रिटेन आकर बस गए थे. ठीक इसी तरह जेम्स क्लेवर्ली (James Cleverly) को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. वह भी ब्रिटेन के पहले अश्वेत विदेश मंत्री हैं.
सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) ब्रिटेन की कैबिनेट में एकमात्र भारतीय मूल की मंत्री हैं. उनके माता-पिता छह दशक पहले ब्रिटेन आकर बस गए थे. उन्होंने कैबिनेट में प्रीति पटेल की जगह गृह मंत्री का पद संभाला है. शुरुआत से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि लिज ट्रस के चुनाव जीतने पर वह पटेल की जगह ब्रेवरमैन को गृह मंत्री नियुक्त करेंगी. इसी वजह से प्रीति पटेल ने ट्रस के चुनाव जीतने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया. ब्रेवरमैन के बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें चुनाव में ट्रस का खुलकर समर्थन करने की वजह से मंत्रिमंडल में जगह दी गई है.
कुछ दशकों पहले तक ब्रिटेन की सरकारों में शीर्ष पदों पर अधिकतर श्वेत लोग ही काबिज होते थे. ब्रिटेन में 2002 में पॉल बोटेंग पहले अल्पसंख्यक मंत्री बने थे. हालांकि ब्रिटेन की सरकारों में गिने-चुने ही अश्वेत कैबिनेट मंत्री रहे हैं.
थिंक टैंक ब्रिटिश फ्यूचर के निदेशक सुंदर कटवाला कहते हैं, राजनीति की दिशा बदली है. अब यह नस्लीय विभिन्नता (Diversity) न्यू नॉर्मल हो गई है. हालांकि, ब्रिटेन की सरकारों में अभी तक गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय जैसे तमाम बड़े पदों पर श्वेत लोग ही काबिज रहे हैं.
बता दें कि सोमवार को लिज ट्रस ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुनाव में भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हरा दिया था. इसके साथ ही वह ब्रिटेन की 56वीं और देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं. इससे पहले मार्गरेट थैचर और थेरेसा मे प्रधानमंत्री पद संभाल चुकी हैं. ये दोनों महिला प्रधानमंत्री भी कंजर्वेटिव पार्टी से ही थीं.