साइबर जंग लड़ रहा ये देश, सभी सरकारी सिस्टम बंद, पढ़े किसका है हाथ?

Update: 2022-05-19 12:44 GMT

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन युद्ध ने दुनिया के सामने जंग से जुड़ी कई सच्चाई ला दी हैं. इस युद्ध में जिस तरह से साइबर अटैक हुए हैं उससे साफ हो गया है कि भविष्य में होने वाली जंग ना सिर्फ जमीन, आसमान या पानी में लड़ी जाएंगी. बल्कि एक बड़ी लड़ाई साइबर वर्ल्ड में भी होगी.

Costa Rica भी इस वक्त इसी तरह के एक साइबर अटैक से जूझ रहा है. कोस्टा रिका की मुसीबत रैंसमवेयर हैं, खासकर Conti Ransomware गैंग. सोमवार को कोस्टा रिका के राष्ट्रपति Rodrigo Chaves ने बताया कि उनका देश कॉन्टी साइबर क्रिमनल्स गैंग से जंग लड़ रहा है. Rodrigo Chaves ने 8 मई को ही कोस्टा रिका के राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाली है.
उन्होंने लोकल मीडिया से बताया, 'हम युद्ध में हैं और यह अतिशयोक्ति नहीं है.' राष्ट्रपति Rodrigo Chaves ने 16 मई को एक प्रेस स्टेटमेंट में इस मामले से जुड़ी कई जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि यह जंग एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ग्रुप के खिलाफ है, जो कोस्टा रिका में एक्टिव है.
इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि देश में मौजूद लोग कॉन्टी साइबर क्रिमनल्स से मिले हुए हैं. Conti cybercriminal गैंग के निशाने पर कोस्टा रिका है और अप्रैल से ही इस गैंग के रैंसमवेयर अटैक्स ने सरकारी एजेंसियों को डिसेबल कर रखा है.
कॉन्टी ने अपनी वेबसाइट पर कोस्टा रिका के लोगों से कहा है कि वह अपनी सरकार पर 2 करोड़ डॉलर देने का दबाव बनाएं. पहले यह गैंग वहां की सरकार से 1 कोरड़ डॉलर की मांग कर रहा था.
इस गैंग से कोस्टा रिका जैसे छोटे देश नहीं बल्कि अमेरिका भी परेशान है. यह वजह है कि अमेरिकी सरकार ने 1 करोड़ डॉलर का इनाम गैंग की पहचान या लोकेशन बताने वाले को देने का ऐलान किया है. यहां तक की सरकार ने 50 लाख डॉलर का इनाम इस गैंग के किसी भी सदस्य को पकड़वाने पर रखा है.
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