यूरोप का ये बड़ा देश रूस की मदद के लिए भेजेगा अपनी सेना, राष्ट्रपति एलेक्जेंडर का दावा
इन हमलों में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं और करीब 15-20 लोगों की जान भी जा चुकी है।
बेलारूस ने आशंका जताई है कि यूक्रेन उस पर हमला कर सकता है। ये बात किसी और ने नहीं बल्कि खुद बेलारूस के राष्ट्रपति Alexander Lukashenko ने कही है। उनका कहना है कि यूक्रेन उस पर हमला करने की योजना पर काम कर रहा है। इसको देखते हुए उन्होंने रूस के साथ मिलकर एक ज्वाइंट फोर्स का गठन किया है सीमाओं की रक्षा में तैनात रहेगी। गौरतलब है कि बेलारूस के राष्ट्रपति सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले थे। इस दौरान यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर विस्तार से बात हुई थी। इसी दौरान दोनों सेनाओं की एक ज्वाइंट फोर्स बनाने की बात भी सामने आई है। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एलेक्जेंडर ने बेलारूस पर हमले की आशंका व्यक्त की थी।
बेलारूस की सीमा पर तनाव
बेलारूस के राष्ट्रपति एम का कहना है कि यूक्रेन युद्ध के बाद यूक्रेन से लगती बेलारूस की सीमा पर जबरदस्त तनाव है। युद्ध के बाद उन्हें भी हमले की आशंका है। इसलिए जरूरी है कि अपनी हिफाजत को चाक-चौबंद किया जाए। राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष उन्होंने सीमा की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने की बात दोहराई है। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि ज्वाइंट फोर्सेस की तैनाती कहां की जाएगी। एलेक्जेंडर ने ये भी कहा है कि यदि आपको शांति चाहिए तो आपको हमेशा युद्ध के लिए भी तैयार रहना होगा। बेलारूस का कहना है कि यूक्रेन, लिथुआनिया और पौलेंड मिलकर बेलारूस के कट्टरपंथियों को हमले की ट्रेनिंग दे रहा है। इसमें ये भी कहा गया है कि यूक्रेन क्रीमियन ब्रिज पार्ट 2 की भी तैयारी कर रहा है।
बेलारूस और रूस की मिलिट्री एक्सरसाइज
बेलारूस ने रूस की फौज को उनके यहां पर आकर एक मिलिट्री एक्सरसाइज करने की भी मंजूरी दे दी है। वहीं यूरोपीयन मीडिया ने जानकारों के हवाले से कहा है रूस बेलारूस को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है। बेलारूस आर्थिक और राजनीतिक रूप से काफी मजबूत है। रूस के साथ बेलारूस के रिश्ते काफी मजबूत हैं। जानकारों की राय में यूक्रेन से बेलारूस को कोई खतरा नहीं है। इसके बाद भी बेलारूस ने सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है।जिस वक्त रूस ने यूक्रेन पर पहला हमला किया था तब दोनों में सुलह को लेकर पहली बातचीत भी बेलारूस की सीमा में ही हुई थी।
कर्च ब्रिज धमाके के बाद हालात अधिक खराब
आपको बता दें कि रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाले कर्च ब्रिज पर हुए धमाके के बाद हालात काफी खराब हो गए हैं। करीब 19 किमी लंबा ये पुल रूस के लिए काफी अहम है। क्रीमिया में तैनात रूसी सेना के लिए ये एक बड़ी सप्लाई लाइन है। इस पर हुए धमाके के बाद रूस भी काफी गुस्साया हुआ है। इस घटना के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने हाई प्रोफाइल मीटिंग की थी जिसके बाद यूक्रेन की राजधानी कीव समेत दूसरे बड़े शहरों पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले किए गए हैं। इन हमलों में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं और करीब 15-20 लोगों की जान भी जा चुकी है।