अमेरिका के प्रतिबंधों के चलते चीन की ये अपील
अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए प्रतिबंधों से बीजिंग अब छटपटाने लगा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए प्रतिबंधों से बीजिंग अब छटपटाने लगा है। उसने अमेरिका से कारोबार और लोगों के बीच संपर्क पर लगी रोक हटाने का आह्वान किया है। साथ ही कहा है कि ताइवान, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्र में अमेरिकी प्रतिबंधों को वह अनावश्यक मानता है। चीन ने अमेरिका से आग्रह किया है कि वह उस पर लगे कारोबारी प्रतिबंध हटा ले और बीजिंग पर दखल बंद कर दे।
इस आग्रह के साथ चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, हम जानते हैं कि अमेरिका का नया प्रशासन अपनी विदेश नीति की समीक्षा और आकलन कर रहा है। यही कारण है कि हमें अमेरिकी नीति-निर्माताओं से समय के साथ तालमेल बनाने और दुनिया का रुख देखते हुए पक्षपातपूर्ण रवैया छोड़ने की उम्मीद है। वह 'लैंटिंग फोरम' में राजनयिकों, विशेषज्ञों और पत्रकारों से बात कर रहे थे। वांग यी ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया जब चीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाए गए टकराव पैदा करने वाले कदमों को वापस लेने का दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि अमेरिका दोनों देशों में रिश्तों की बेहतरी के लिए बीजिंग को लेकर पुरानी नीति पर लौटेगा और उस पर गैर-जरूरी संदेह नहीं करेगा। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका अपनी नीतियों में कोई बदलाव करेगा या नहीं।
पाबंदियों से परेशान है चीन
चीन जिन मामलों में अमेरिका पर दबाव बना रहा है उनमें कारोबार और प्रौद्योगिकी से संबंधित शिकायतें शामिल हैं। इन्हीं की वजह से ट्रंप ने 2017 में चीन से आयातित वस्तुओं पर कर बढ़ा दिया और चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों के आदान-प्रदान पर प्रतिबंध लगा दिया। चीन अब इन पाबंदियों से बेहद परेशान है क्योंकि कोविड-19 के बाद वह देश की अर्थव्यवस्था सुधारना चाहता है।
तिब्बत, हांगकांग, शिनजियांग में अलगाववादी ताकतों को रोकें
अमेरिका ने पिछले वर्षों में ताइवान के साथ सैन्य और राजनयिक रिश्ते बढ़ाए, जबकि इसे चीन अपना क्षेत्र मानता है। शिनजियांग में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अत्याचार और हांगकांग में आजादी दबाने का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए। यही नहीं, बल्कि तिब्बत में नए दलाईलामा के चयन का अधिकार में बीजिंग के दखल को लेकर भी अमेरिका ने नई पाबंदियां लगाईं और तिब्बती स्वायत्तशासी प्रशासन के प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्ये को पहली बार वाशिंगटन बुलाया। चीन ने इन्हें अलगाववादी ताकत मानते हुए इन पर रोक लगाने की मांग अमेरिका से की है।
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को 'बदनाम' न करें
सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका से चीन में सत्तारूढ़ चायना कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) और उसकी एक दलीय राजनीतिक प्रणाली को भी 'बदनाम' नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका से अनुरोध करते हैं कि वह सीसीपी के खिलाफ गलत शब्दों के इस्तेमाल से बचे। वांग ने कहा, हम शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए तैयार हैं और अमेरिका के साथ साझा विकास चाहते हैं।
वार्ता के लिए तैयार हैं
11 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को फोन करके चीन में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर नसीहत दी थी। इसके बाद सोमवार को चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि हमारी मंशा अमेरिका को चुनौती देने या उसे मिटाने की नहीं है। उन्होंने कहा, अमेरिका को संवेदनशील मुद्दों के प्रभावी समाधान के लिए व्यापक वार्ता करना चाहिए। हम सार्थक बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं।