अमेरिका के खिलाफ साथ खड़े हुए ये दो ताकतवर देश, वीडियो काल के जरिये चिनफिंग ने पुतिन से कही ये बात
अमेरिका के खिलाफ साथ खड़े हुए ये दो बड़े देश
रायटर। अमेरिका और पश्चिमी देशों से मुकाबले के लिए चीन रूस के साथ है। यह बात बुधवार को वीडियो काल के जरिये चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कही। यूक्रेन के मसले पर इस समय रूस और अमेरिका की अगुआई में पश्चिमी देशों के बीच वाक्युद्ध छिड़ा हुआ है। रूस ने यूक्रेन पर हमला न करने का आश्वासन दिया है, लेकिन यूक्रेन को नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में शामिल न किए जाने की शर्त पर उसे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
दोनों नेताओं ने लोकतंत्र और मानवाधिकारों के नाम पर दखल को गलत कहा
बातचीत में पुतिन और चिनफिंग ने दोनों देशों के मामलों में अमेरिका समेत सभी पश्चिमी देशों के दखल को खारिज किया और सुरक्षा हितों के लिए उठाए अपने कदमों को उचित बताया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के नाम पर चीन और रूस के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप हो रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय नियमों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए निर्धारित मानदंडों के खिलाफ है।
आकस और क्वाड पर नकारात्मक प्रतिक्रिया जताई
चिनफिंग ने कहा, दोनों देशों के सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए संयुक्त प्रयासों को और बढ़ाया जाएगा। रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन के अधिकारी यूरी उशाकोव ने बताया कि राष्ट्रपति चिनफिंग ने पश्चिमी देशों की ओर से पैदा होने वाली हर तरह की सुरक्षा चुनौती में रूस के साथ खड़े होने का प्रस्ताव किया है। वार्ता में दोनों नेताओं ने अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के बने रणनीतिक गठबंधन आकस और अमेरिका, भारत, जापान और आस्ट्रेलिया के गठबंधन क्वाड पर नकारात्मक प्रतिक्रिया जताई।
विंटर ओलिंपिक के दौरान पुतिन की चिनफिंग से हो सकती है मुलाकात
वार्ता में पुतिन ने फरवरी में चीन में होने वाले विंटर ओलिंपिक के दौरान चिनफिंग से मुलाकात होने की संभावना जताई। इन खेलों का अमेरिका ने सीमित बहिष्कार किया हुआ है। दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता तब हुई है, जब विभिन्न मसलों पर दोनों देशों के अमेरिका और उसके मित्र राष्ट्रों से तनावपूर्ण रिश्ते बने हुए हैं। दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता पुतिन की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ हुई वार्ता के आठ दिन बाद हुई है। इस बीच अमेरिका और ब्रिटेन की मौजूदगी वाले जी 7 देश भी रूस और चीन को यूक्रेन व मानवाधिकारों के मसले पर चेतावनी दे चुके हैं।