तालिबान-2 के चेहरों से नाखुश हैं ये देश, किसी ने भी नहीं किया गर्मजोशी से स्वागत

अफगानिस्‍तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद दुनियाभर से तमाम मुल्‍कों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही

Update: 2021-09-08 16:30 GMT

अफगानिस्‍तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद दुनियाभर से तमाम मुल्‍कों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। गौर करने वाली बात है कि तालिबान की ओर से अंतरिम सरकार की घोषणा के बाद दुनिया के किसी भी देश ने उसका गर्मजोशी से स्वागत नहीं किया है। चीन ने भी सरकार में शामिल चेहरों को देखते हुए सधी हुई प्रतिक्रिया दी है कि वे तालिबान से संवाद कायम रखेंगे। यह जरूर कहा कि सरकार बनने के बाद हिंसाग्रस्त देश में अराजकता खत्म हुई है। जानें किस देश ने क्‍या दी प्रतिक्रिया...

चीनी विदेश मंत्रालय की पत्रकार वार्ता में प्रवक्ता वांग वेनबिन से जब पूछा गया कि क्या चीन अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार को मान्यता देगा, जिसमें शामिल गृहमंत्री भी अमेरिका की आतंकी सूची में शामिल हैं। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक प्रवक्ता ने कहा कि हम उनसे संवाद कायम रखेंगे। चीन अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय एकता का सम्मान करता है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद चीन ने उनसे एक खुली और समावेशी सरकार बनाने को कहा है।
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार अमेरिका अंतरिम सरकार में पूर्व इतिहास वाले चेहरों के प्रमुख पदों पर आने को लेकर चिंतित है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बाइडन प्रशासन ऐसे लोगों के अंतरिम सरकार में होने से चिंतित है, जिन्हें पूर्व में रूस में आतंकी ग्रुप के सदस्यों के रूप में प्रतिबंधित किया हुआ है। इस अंतरिम सरकार में केवल वही लोग हैं, जो तालिबान के सदस्य हैं या उनके करीबी हैं। सरकार में कोई महिला नहीं है। सरकार को उसके काम से परखा जाएगा। उन्होंने अपेक्षा जताई कि तालिबान अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी संगठनों को नहीं करने देगा।
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार जर्मनी ने बहुत ही साफ शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि नई सरकार ने ऐसा कोई कारण नहीं दिया है, जिससे आशावादी रहा जा सके। जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा कि सरकार की सूची इस्लामी उग्रवादी आंदोलन के नेताओं और हाल ही में गुरिल्ला युद्ध करने वालों से भरी हुई है। विश्व के सभी देशों ने कहा था कि तालिबान को एक समावेशी सरकार का गठन करना चाहिए।
जापान ने कहा है कि वह तालिबान के कार्यों पर नजर रखेगा और संवाद की स्थिति को कायम रखेगा। इसके साथ ही यह भी कहा है कि वह अफगानिस्तान के मामले में अमेरिका व अन्य देशों के साथ समन्वय व सहयोग बनाए रखेगा।
वहीं, अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा पर करारा हमला बोला है। रिपब्लिकन अध्ययन समिति ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि मूर्ख मत बनिए। तालिबान सरकार में कुछ भी ज्‍यादा उदारवादी नहीं है। अफगानिस्‍तान में आतंकवादियों की, आतंकवादियों के द्वारा और आतंकवादियों के लिए सरकार बनाई गई है। सांसद टिम बुचेट ने कहा कि तालिबान के मंत्रिमंडल में आतंकी और अलकायदा एवं हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों के लोग शामिल हैं।
इस बीच प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तानी मीडिया और पत्रकारों को उन्हें आतंकी संगठन कहने को लेकर चेतावनी दी है। टीटीपी ने कहा है कि ऐसा करने वालों को हम दुश्‍मन मानेंगे। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि तालिबान से सबसे अधिक समस्या चीन को है, जिसके लिए वह तालिबान के साथ समझौता करने की कोशिशें कर रहा है। व्हाइट हाउस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि अमेरिका तालिबान सरकार को मान्यता देने की जल्दी में नहीं है।
Tags:    

Similar News

-->