इस गांव पर कोविड का एक भी केस नहीं, जानिए कहां है ये विलेज
भारत में कोविड-19 की खतरनाक दूसरी लहर जारी है
भारत में कोविड-19 की खतरनाक दूसरी लहर जारी है. दुनिया के अलग-अलग देशों में कोविड के केसेज सामने आ रहे हैं और इनमें कोई कमी नहीं आ रही है. इन सबके बीच दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जिसे कोरोना वायरस महामारी छू भी नहीं सकी है. करीब डेढ़ साल का समय बीत जाने के बाद भी इस गांव के लोग कोविड-19 से दूर हैं. जानिए कौन सी है ये जगह.
जर्मनी में यह गांव
ये गांव है जर्मनी का लीग जहां पर एक साल बाद भी कोविड का कोई केस नहीं आया है. हैरानी की बात यह है कि यूरोप के कुछ देश जैसे फ्रांस इन दिनों महामारी का सामना कर रहे हैं. लीग की आबादी 400 है और यह गांव जर्मनी के पश्चिमी राज्य राइनलैंड-पलैटीनेट में है. जर्मनी का यह काफी सुंदर गांव है और मोजेल नदी से सिर्फ छह किलोमीटर दूर है. छोटे-छोटे लकड़ी के घरों वाला यह गांव कई लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है.
33 लाख मामले लेकिन गांव में जीरो केस
वॉलेंटियर्स की तरफ से यहां पर फायर फायर सर्विस है और एक स्कूल भी है. इसके अलावा गांव के बीचोबीच स्थित चर्च सुंदरता में चार चांद लगाता है.. इस गांव के लोग अब एक कहानी के केंद्र में हैं. लेकिन यहां पर कोविड का एक केस भी न मिलना अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है. कोरोना वायरस को आए करीब डेढ़ साल हो गया है लेकिन इस गांव में कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया. ऐसा तब है जर्मनी में कोविड-19 के 33 लाख मामले हुए हैं और 81 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है.
चमत्कार से हैरान सब लोग
स्थानीय मेयर हाइंत्स जिलेस भी लीग में हुए इस चमत्कार से काफी हैरान हैं. उन्होंने स्थानीय मीडिया को बताया, ' अब तक हम अप्रत्याशित रूप से भाग्यशाली रहे हैं. बेशक, कोई गारंटी नहीं है.वहां ऊपर स्वर्ग में बैठा कोई फरिश्ता शायद हमारा ख्याल रख रहा है.' जिलेस की मानें तो पिछले दो हफ्तों से वह लगातार मीडिया वालों से बात कर रहे हैं. इस बात के सामने आने के बाद से यह गांव चर्चा में आ गया है. 57 साल के जिलेस यह बात समझते हैं कि हर कोई इस चमत्कार का राज जानना चाहता है.
गांव बना एक आदर्श
वह कहते हैं कि दुनियाभर से आ रहीं इतनी नकारात्मक खबरों के बीच हमारी कहानी एक सकारात्मक संदेश देती है. जिलेस के मुताबिक इस चमत्कार के पीछे सामुदायिक भावना की बड़ी भूमिका है. बहुत से लोग स्वयंसेवा करते हैं. लोग हाथ खड़ा करते हैं और काम पूरा करते हैं. गांव के सभी लोग 'टीम लीग' के सदस्य हैं और सभी उतना करते हैं जितना कर सकते हैं.
गांव के नौजवानों ने 'यंग फॉर ओल्ड' नाम का एक समूह बनाया और बुजुर्गों के लिए खरीदारी की जिम्मेदारी संभाली. एक और टीम है जो रोज बुजुर्गों से मिलने जाती है और उनका हाल-चाल लेती है. इनसे मिलने जाते समय वे लोग छोटा सा तोहफा ले जाना भी नहीं भूलते. स्कूल के लिए बच्चों के माता-पिता पैसा जुटा रहे हैं ताकि एयर फिल्टर खरीदे जा सकें.
नियमों का पालन करते हैं लोग
मेयर जिलेस बताते हैं कि कोरोनावायरस की भयावहता को लेकर गांव में किसी को भ्रम नहीं है. उन्होंने बताया कि लोग नियमों का सख्ती से पालन करते हैं. वे समझदार हैं और अनुशासित भी. उन्हें मालूम है कि वो सभी दुनियाभर में फैली एक ऐसी बीमारी से लड़ रहे हैं जिसका हमला घातक होता है.
लीग में संक्रमण का एक भी मामला न होने की बात इसलिए भी हैरतअंगेज है क्योंकि वहां के 90 फीसदी लोग काम के लिए बाहर जाते हैं. वे फुटबॉल से सीख लेते हुए मजबूत डिफेंस बनाए हुए हैं और इस नियम पर चलते हैं कि एक भी गोल नहीं खाना है. इसके लिए लोग कुर्बानियां भी दे रहे हैं. जैसे कि मार्टिन वाइल के चार घर खाली पड़े रहे जो वह पर्यटकों को किराये पर देते हैं.
80 लोगों के हुए टेस्ट, सब निगेटिव
जिलेस ने बताया, 'सच कहूं तो मैं अभी खुद भी तय नहीं कर पाया हूं. एक तरफ तो हॉलीडे अपार्टमेंट आदर्श हैं क्योंकि वे लोगों को एक-दूसरे से दूर रखते हैं. पर यह सवाल भी है कि क्या हम ऐसे इलाकों से लोगों को बुलाना चाहते हैं, जहां संक्रमण बहुत ज्यादा है.' मार्टिन वाइल के घर से कुछ ही दूर गांव का इकलौता कोविड टेस्ट सेंटर है.
पिछले हफ्ते जब यह सेंटर खुला तो 80 लोग जांच को आए. मिनटों में रिजल्ट मिले औरि सब के सब नेगेटिव पाए गए. मेयर हाइंत्स जिलेस समझते हैं कि यहां 'मैं बनाम तुम' की बात नहीं है. एक भी मामला पूरा रिकॉर्ड खराब कर देगा. जिलेस के मुताबिक अगर ऐसा हुआ तो हम सब इस बात को समझेंगे कि किसी का कसूर नहीं है क्योंकि हम जो कर सकते थे, उसमे हमने कोई कमी नहीं छोड़ी.