इमरान खान: उइगर मुसलमानों पर इतना हो-हल्ला क्यों, कश्मीर पर पुराना राग अलापा

Update: 2022-01-29 12:37 GMT

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को पश्चिमी देशों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है और उन्होंने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि, ''भारतीय कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर पश्चिम की "चुनिंदा चुप्पी" उनके "बहरेपन" को दर्शाता है, क्योंकि पश्चिमी देश शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के साथ चीन के कथित दुर्व्यवहार को उजागर करने की बात करते रहते हैं, लेकिन कश्मीर पर वो चुप रहते हैं''। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान चीन के एक पत्रकार के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि, ''हमारे लिए ये हजम करना काफी मुश्किल होता है, कि वो (पश्चिमी देश) उइगर्स के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन वो भारत प्रशासित कश्मीर के बारे में ज्यादा बात नहीं करते हैं, जबकि भारतीय कब्जे वाले कश्मीर में भारत सबसे खतरनाक मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहा है''।

इमरान खान ने चीनी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, ''पश्चिमी देश किसी ना किसी तरह से कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखते हैं, जहां करीब 90 लाख लोग बेहद खराब हालात में रह रहे हैं और कश्मीर एक तरह से खुला जेल है, जहां भारत के 8 लाख सैनिकों पहरेदारी करते रहते हैं''। इमरान खान ने आगे जहर उगलते हुए कहा कि, ''एक तरफ वो शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरह कश्मीर पर वो चुप रहते हैं, जो हमारे लिए उनका 'बहरापन' है। इसके साथ ही इमरान खान ने शिनजियांग पर चीन को क्लीनचिट दे दी और कहा कि, शिनजियांग को लेकर पश्चिमी देश लगातार बात करते रहते हैं, लेकिन पाकिस्तान के राजदूत ने शिनजियांग का दौरा किया था और हमने जमीन पर ऐसा कुछ नहीं देखा''।

शिनजियांग पर बदले इमरान के बोल

पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को लेकर इमरान खान ने इससे पहले जुलाई 2021 में चीन के पत्रकार को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें इमरान खान ने कहा था कि, ''चीन से हमारी अत्यधिक नजदीकी और करीबी संबंध होने की वजह से हमने उइगरों को लेकर जो परेशानी है, उसे स्वीकार कर लिया है'', जबकि अब इमरान खान ने शिनजियांग को लेकर चीन को क्लीनचिट दे दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का अमेरिका और पश्चिमी देशों की आलोचना और शिनजियांग पर चीन की सरकार को उस वक्त क्लीनचिट दिया है, जब खुद इमरान खान शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए चीन के दौरे पर जाने वाले हैं और माना जा रहा है कि, चीन को खुश करने के लिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है, क्योंकि चीन और पाकिस्तान के बीच इन दिनों संबंध खराब होने लगे हैं।

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