यहां मौजूद है मिस्र से ज्यादा pyramids, लेकिन दुनिया में कम ही लोगों को पता, जानिए ऐसा क्यों?

मिस्र से ज्यादा pyramids

Update: 2021-11-23 06:17 GMT
पिरामिडों का नाम सुनते ही अक्सर दिमाग में जो सबसे पहला नाम आता है, वह है मिस्र. इसे पिरामिडों का देश भी कहा जाता है. यहां स्थित गीजा के पिरामिड दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं, लेकिन अगर आप सोचते हैं कि मिस्र पिरामिडों वाला इकलौता देश है या दुनिया में सबसे ज्यादा पिरामिड मिस्र में ही पाए जाते हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं. दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां मिस्र से ज्यादा पिरामिड पाए जाते हैं.
जी हां, यह जानकर आपको आश्चर्य तो हो रहा होगा, लेकिन यही सच है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं अफ्रीकी देश सूडान की. मिस्र से जुड़ा हुआ यह देश पर्यटन के लिहाज से यह देश तो काफी अच्छा है और घूमने लायक है, लेकिन यहां आपको पर्यटक बहुत कम ही देखने को मिलेंगे. अब बात अगर पिरामिडों की करें तो मिस्र में जहां 138 पिरामिड हैं, तो वहीं सूडान में 200 से अधिक पिरामिड स्थित हैं. यहां के पिरामिडों को न्यूबियन मेरो पिरामिड कहा जाता है.
यहां भी मिस्र की तरह करावाया गया पिरामिडों का निर्माण
ये आकार में मिस्र के पिरामिडों से भले ही बहुत छोटे हैं, लेकिन इनका इतिहास बहुत पुराना है. नील नदी के पूर्वी तट पर स्थित ये पिरामिड सूडान की राजधानी खारतूम से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर एक प्राचीन शहर में हैं, जो अब वीरान पड़ा है. हालांकि पिरामिडों के अवशेष यहां अब भी मौजूद हैं. तपते रेगिस्तान में मौजूद इन पिरामिडों को देखने के लिए बहुत कम ही लोग यहां आते हैं, क्योंकि यहां दूर-दूर तक कोई भी होटल या रेस्टोरेंट मौजूद नहीं हैं, जहां पर्यटक घूमने के बाद आराम कर सकें.
माना जाता है कि 1070 ईसा पूर्व नील नदी के किनारे कुश वंश का शासन था और इसी वंश ने सूडान में पिरामिडों का निर्माण करवाया था. सूडान में भी पिरामिडों का निर्माण मिस्र की तरह की कराया गया था, यानी मिस्र के लोगों ने मृत लोगों को दफनाने के लिए पिरामिड बनाने की शुरुआत की थी और इसके लगभग 500 साल बाद कुश वंश के लोगों ने भी इन्हीं वजहों से पिरामिडों का निर्माण करवाया था.
हालांकि इन पिरामिडों के बारे में अभी भी बहुत से ऐसे सवाल हैं, जिनके बारे में लोग नहीं जानते. क्या कुश वंश के लोगों ने मिस्र की देखा-देखी पिरामिडों का निर्माण करवाया था या उन्होंने इसके लिए कोई नया तरीका ढूंढा था, यह सवाल आज भी सवाल ही है. इसके अलावा कुश वंश के लोगों द्वारा इन पिरामिडों को बनाने में कितना समय लगा था, इसके बारे में भी कोई नहीं जानता.
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