इस होटल में हैं 105 कमरे, लेकिन आजतक नहीं ठहरा कोई इंसान, जानें क्यों

उत्तर कोरिया अपने तानाशाहों और उनके सनकी फैसलों के लिए दुनिया में प्रसिद्ध रहा है.

Update: 2020-12-13 08:20 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक| उत्तर कोरिया अपने तानाशाहों और उनके सनकी फैसलों के लिए दुनिया में प्रसिद्ध रहा है. उत्तर कोरिया का वर्तमान तानाशाह किम जोंग भी अपने सनकीपन के लिए कुख्यात है. उत्तर कोरिया में शासकों की मनमर्जी के अलावा भी कई कई चीजें हैं जिनसे दूसरे देशों के लोग हैरानी में पड़ जाते हैं.

उत्तर कोरिया में एक ऐसी ही चीज है भूतहा होटल. इसका नाम रयुगयोंग है. यह यूक्यूंग के नाम से भी जाना जाता है. यह राजधानी प्योंगयोंग में पिरामिड की स्टाइल में बना हुआ है. इसकी ऊंचाई 330 मीटर है और इसमें 105 कमरे हैं. मजे की बात यह है कि इस होटल में अभी तक कोई भी व्यक्ति नहीं रुका है. इसलिए इसको 'शापित' और 'भूतहा ' होटल भी कहा जाता है.

समय पर बनता तो दुनिया का सबसे ऊंचा होटल होता
दरअसल, इस होटल का अपना इतिहास ही ऐसा रहा जिसने इसको यह तमगा दे दिया. इसका निर्माण साल 1987 में शुरू हुआ था और इसे दुनिया का सबसे ऊंचे होटल बनाना था. यदि यह तय समय पर बन जाता तो दुनिया का सबसे ऊंचा होटल बन भी जाता लेकिन इसको काम लकटता ही रहा. अब यह होटल 'धरती की सबसे ऊंची वीरान इमारत' के रूप में जाना ताता है और इसी खासियत के कारण इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
होटल का निर्माण कभी नहीं हो पाया पूरा
इस होटल का शुरू हुआ उस समय 55 अरब रुपये खर्च किए गए. जापानी मीडिया के अनुसार, यह राशि उस क्त्ल उत्तर कोरिया की जीडीपी की करीब दो फीसदी थी. यह होटल दो साल में बनकर तैयार होना था पर ऐसा नहीं हुआ. साल 1992 में उत्तर कोरिया की आर्थिक गड़बड़ाने से इसका निर्माण कार्य रुक गया. 2008 में फिर इसको बनाने के लिए काम शुरू किया गया. 2012 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया लेकिन पूरा नहीं हो पाया. अभी भी इसका काम अधूरा है और यह होटल नहीं खुल पाया है.


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