थेरेपी ने बना दिया गंजा, महिला की हालत हो गई ऐसी

कुछ अच्छा और बेहतर करने के लिए कई बार बेहद बुरे दौर से भी गुजरना पड़ता है

Update: 2022-03-08 12:44 GMT
कुछ अच्छा और बेहतर करने के लिए कई बार बेहद बुरे दौर से भी गुजरना पड़ता है. ठीक उसी तरह जैसे कोई रेस जीतने के लिए पहले कुछ कदम पीछे हटना पड़ता है. उस महिला के जीवन में भी कुछ ऐसा ही हुआ. जिसने उसकी ज़िंदगी ही बदल दी. पहले एक बीमारी के शक ने डराया फिर थेरेपी और टेस्ट के नाम पर गंजी हो गई महिला.
आयरलैंड के यॉर्क (York, Ireland) की रहने वाली क्लो शीहान (Chloe Sheehan) ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वो ऐसे दौर से भी गुज़रेंगी. स्मीयर टेस्ट (Smear test) के नतीजे के तौर पर करीब 80 फीसदी बाल गायब हो गए. एक प्रकार के कैंसर के इलाज के दौरान होने वाले इस टेस्ट में बाल झड़ना प्रक्रिया का हिस्सा है.
एलोपेशिया नाम की बीमारी से पीड़ित है महिला
27 साल की क्लो एलोपेशिया एरिटा नाम की बीमारी के पीड़ित थीं (Chloe was suffering from alopecia areata). इसकी शुरुआत 2017 में हुई जब एक हेयरड्रेसर ने उनके बालों में एक गंजा पैच होने की बात कही थी. जब क्लो बेहद परेशान हुई थीं. लेकिन तब उऩ्हें ये अंदाज़ा नहीं था कि वो किसी गंभीर बीमारी का शिकार होना शुरु हो चुकी थी. बालों के गिरने के पीछे वजह थी व्हॉइट ब्लेड सेल्स का बालों के रोम छिद्र पर तेजी से हमला, जिसके परिणाम के तौर पर गंजापन शुरु हो जाता है. पेशे से डेंटिस्ट क्लो का मानना है कि सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए हर महिला को कम से कम हर 3-4 साल में एक बार स्मीयर टेस्ट करवाना ही चाहिए. ताकि समय से बीमारी का पता चल जाए और इलाज किया जा सके. स्मीयर के ज़रिए सर्वाइकल कैंसर को रोकने में मदद मिलती है (Smears help prevent cervical cancer).
सोशल साइट पर शेयर कि अपनी दुखद यात्रा
हर साल तकरीबन 3000 लोगों के इस थेरेपी के ज़रिए जीवनदान मिलता है. वहीं करीब 850 लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं. इस प्रकिया को दौरान होने वाला गंजापन स्थायी तौर पर नहीं रहता (The baldness that occurs during the process is not permanent). थेरेपी के रुकने और अच्छे इम्यून सिस्टम की बदौलत जल्द ही बाल वापस भी आने लगते हैं. हालांकि जब क्लो के बाल दोबारा गिरने लगे तो दहशत में आ गई. 80 फीसदी तक बाल गिरने के बाद उसने विग पहनने के फैसला किया. क्योंकि वो बिना बालों के खुद को आइने में देखकर रो पड़ी. मगर ये परमानेंट सोल्यूशन नहीं था. क्योंकि अब उसकी आईब्रो भी गिरने लगी. जिससे पहली नजर में ही बीमार लगने लगी. फाइनली क्लो ने डरकर जीने की बजाय इसका सामना करने की ठानी और इंस्टाग्राम पेज बनाकर अपनी जर्नी के बारे में लोगों को बताया. जहां लोगों ने उन्हें प्यार और सम्मान दिया. अब अपने अनुभवों को ज़रिए क्लो अपने जैसे दूसरों लोगों की मदद करना चाहती है. ताकी वो उसी मेंटल ट्रॉमा से न गुज़रे जहां से वो लौटी हैं.
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