बड़े सुरक्षा संकट का सामना कर रही दुनिया...सैन्य दखल पर गुटेरस ने की पुतिन की तीखी आलोचना

सैन्य दखल पर गुटेरस ने की पुतिन की तीखी आलोचना

Update: 2022-02-23 17:27 GMT
संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों की तैनाती के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना की और कहा कि दुनिया हाल के वर्षों में 'वैश्विक शांति और सुरक्षा को लेकर सबसे बड़े संकट' का सामना करना रही है। उन्होंने रूस के कदम को यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन और मिंस्क समझौते के लिए 'बड़ा झटका' करार दिया।
यूक्रेन में बिगड़ते हालात के मद्देनजर कांगो गणराज्य की अपनी निर्धारित यात्रा रद करने वाले गुटेरस ने कहा कि वह पूर्वी यूरोपीय देश के ताजा घटनाक्रमों से बहुत परेशान हैं, जिसमें संपर्क रेखा के पास संघर्ष-विराम उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि के अलावा जमीन पर टकराव का बढ़ता जोखिम शामिल है।
मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में गुटेरस ने कहा कि हमारी दुनिया हाल के वर्षों में वैश्विक शांति और सुरक्षा को लेकर सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है, खासतौर पर बतौर महासचिव मेरे कार्यकाल में। हम एक ऐसी घड़ी का सामना कर रहे हैं, जिसके बारे में मेरी दिली इच्छा थी कि यह कभी आए ही नहीं।
यूएन महासचिव ने दोहराया कि डोनेस्क और लुहांस्क जैसे क्षेत्रों की तथाकथित 'आजादी' को मान्यता देने का रूस का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है।
उन्होंने इस कदम को सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित मिंस्क समझौतों के लिए एक 'बड़ा झटका' करार देते हुए कहा कि इस तरह का एकतरफा कदम यूएन चार्टर के सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन करता है और महासभा की तथाकथित मैत्रीपूर्ण संबंध घोषणा के खिलाफ है, जिसे अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने बार-बार कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का प्रतिनिधित्व करता है।
सैनिकों को शांतिरक्षक बताए जाने पर आपत्ति
गुटेरस ने कहा कि मैं शांति स्थापना की अवधारणा के विकृत होने के बारे में भी चिंतित हूं। मुझे संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों की उपलब्धियों पर गर्व है, जिनके तहत बड़ी संख्या में शांतिरक्षक बलों ने नागरिकों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि जब एक देश के सैनिक दूसरे देश में उसकी सहमति के बिना प्रवेश करते हैं तो वे निष्पक्ष शांतिदूत नहीं होते हैं। वे बिल्कुल भी शांतिदूत नहीं हैं।
लोगों को संकट से बचाने का किया आह्वान
यूएन महासचिव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांति के लिए एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करने और यूक्रेन के लोगों को संकट से बचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मैं खूनखराबे के बिना इस संकट को हल करने के सभी प्रयासों का पूरी तरह से समर्थन करता हूं। हम शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में पीछे नहीं हटेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट अंत में रूस और यूक्रेन दोनों के लिए बहुत हानिकारक साबित होगा।
यूक्रेन में नरसंहार को नकारा
पुतिन के इस दावे पर कि डोनेस्क और लुहान्स्क के खिलाफ कीव द्वारा की जा रही कार्रवाई नरसंहार है, गुटेरस ने कहा कि नरसंहार एक अपराध है। जिसे स्पष्ट रूप से
परिभाषित किया गया है और जिसे अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप लागू किया जाना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि इस मामले में यह लागू होता है।
मिंस्क समझौतों में वे अंतरराष्ट्रीय समझौते शामिल हैं, जिनमें यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में संघर्ष समाप्त करने की मांग की गई थी। पहला समझौता, जिसे मिंस्क प्रोटोकाल के रूप में जाना जाता है, 2014 में यूक्रेन पर त्रिपक्षीय संपर्क समूह द्वारा तैयार किया गया था। इसमें यूक्रेन, रूसी संघ और यूरोप स्थित सुरक्षा एवं सहयोग संगठन (ओएससीई) शामिल थे। फ्रांस और जर्मनी के नेताओं ने इस समझौते में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। बेलारूस की राजधानी मिंस्क में व्यापक वार्ता के बाद पांच सितंबर 2014 को इस समझौते पर मुहर लगी थी।
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