महिला ने की ऐसी गलती, अब लगाने पड़े हॉस्पिटल के चक्कर, जानें पूरा मामला
आइए जानते हैं मैरी के साथ ऐसा क्या हुआ जिसके चलते उसकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई.
नई दिल्ली: आंखें ह्यूमन बॉडी का सबसे सेंसेटिव पार्ट होती हैं. ऐसे में इनका ख्याल रखना काफी जरूरी होता है. एक छोटी सी गलती के कारण आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है. हाल ही में एक महिला के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है. इस महिला का नाम मैरी मेसन है. मैरी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक छोटी सी गलती के कारण उसकी आंखों का रोशनी चली जाएगी. आइए जानते हैं मैरी के साथ ऐसा क्या हुआ जिसके चलते उसकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई.
54 साल की मैरी मेसन से एक ऐसी गलती हुई जिसके चलते उसकी आंखों की रोशनी चली गई. मैरी आंखों में कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करती थी लेकिन एक दिन वह लेंस पहने हुए ही नहाने के लिए चली गई. इसके चलते उनकी आंखों में इंफेक्शन हुआ जिससे उनकी आंखों की रोशनी चली गई. मैरी को ये इंफेक्शन बाईं आंख में हुआ था.
दरअसल, नहाते समय पानी में मौजूद माइक्रोस्कोपिक अमीबा मैरी की आंख के कॉर्निया और कॉन्टेक्ट लेंस के बीच फंस गया. Acanthamoeba केराटाइटिस एक रेयर इंफेक्शन है जो एक सूक्ष्म, फ्री-लिविंग जीव के कारण होता है जिसके कारण व्यक्ति की आंखों की रोशनी जा सकती है और वह पूरी तरह से अंधा भी हो सकता है.
मार्केट में कई तरह के लेंस मिलते हैं जिनकी समय सीमा 1 दिन, 1 महीना, 6 महाने या एक साल की होती है. मैरी ने अपनी आंखों में 1 महीने वाले लेंस पहने हुए थे. नहाने के दौरान पानी में मौजूद अमीबा मैरी की आंखों में गया और वहां लेंस और कॉर्निया के बीच फंस गया . जहां धीरे-धीरे अमीबा ने मैरी की आंखों को संक्रमित करना शुरू कर दिया, जिससे उसकी आंखों की रोशनी कम होने लगी.
इस इंफेक्शन का पता लगने के बाद मैरी ने कई डॉक्टर्स से कंसल्ट किया. इस दौरान कई तरह की मेडिकेशन के बाद मैरी के कई ऑपरेशन भी किए गए, जिसमें उनका तीन बार कॉर्निया ट्रांसप्लांट भी किया गया लेकिन इन सभी का मैरी को कोई फायदा नहीं मिला और अंत में उनकी आंखे निकालनी पड़ी. इंगलैंड में रहने वाली मैरी ने बताया, इसके चलते मुझे अपना काम छोड़ना पड़ा. क्योंकि उस समय में स्कूल के किचन में काम किया करती थी,और मुझे हर थोड़ी-थोड़ी देर में आंखें में दवाई डालनी पड़ती थी जिससे मेरी आंखों में बहुत ज्यादा दर्द होता था और मैं काम नहीं कर पाती थी.
मैरी ने ये भी बताया कि मुझे हफ्ते में 2 से 3 बार या कभी-कभी उससे ज्यादा भी अस्पताल जाना पड़ता था. इन्हीं सब चीजों के चलते मैं काम पर नहीं जा पाती थी. मैरी ने बताया कि इस इंफेक्शन के चलते उसे अस्पातल के कई चक्कर लगाने पड़े, आंख में कई तरह की दवाइयां डालनी पड़ी, बहुत सारे ऑपरेशन और दर्द का सामना करना पड़ा.
इस घटना के बाद से ही मैरी अब लोगों को कॉन्टेक्ट लैंस को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देती है. मैरी ने यूजर्स को चेतावनी देते हुए कहा कि कभी भी लेंस पहनकर नहाने की गलती ना करें और लैंस पहनने के बाद कभी भी आंखों पर हाथ ना लगाएं. मैरी ने कहा, मैं ये नहीं कह रही कि लोगों को कॉन्टेक्ट लेंस नहीं पहनना चाहिए, लेकिन जरूरी है कि इन्हें पहनते समय आप सावधान बरतें.
मैरी ने कहा कॉन्टेक्ट लेंस बनाने वाली कंपनियों को इसकी पैकेजिंग में और भी कई तरह की चेतावनियों के बारे में लिखना चाहिए, ताकि लोगों को उस दर्द का सामना ना करना पड़े जिसका सामना मैंने किया.
इंफेक्शन की वजह से आंखे निकालने के बाद अब मैरी की लाइफ धीरे-धीरे नॉर्मल हो गई है. मैरी अब एडमिन असिस्टेंट के रूप में काम कर रही हैं,साथ ही मैरी अपने पति जोनाथन के साथ भी काम करती हैं. हालांकि, आंखे ना होने के कारण मैरी को अपने दिन प्रतिदिन के काम करने में थोड़ी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है जैसे सड़क पर चला या गाड़ी चलाना.
मैरी ने कहा, मेरी लाइफ अब ठीक है. इस घटना के बाद में काम पर वापिस नहीं गई जहां पहले किया करती थी लेकिन अब मैं अपने पति के साथ मिलकर काम कर रही हूं. इसके साथ ही मैं चर्च में भी काम करती हूं, जहां काम करके मेरी पूरी लाइफ चेंज हो गई है.