अमेरिका दक्षिण चीन सागर में अपने क्रैश हुए फाइजर जेट-35 के मलबे को जल्‍द से जल्‍द तलाश कर लेना चाहता है।

अमेरिका दक्षिण चीन सागर में हुए अपने फाइटर जेट के मलबे को जल्‍द तलाश लेना चाहता है। वो नहीं चाहता है कि इसका मलबा किसी भी तरह से चीन के हाथों में लगे। बता दें कि एफ-35 जेट अमेरिका का सबसे एडवांस्‍ड जेट है।

Update: 2022-01-27 04:53 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका दक्षिण चीन सागर में अपने क्रैश हुए फाइजर जेट-35 के मलबे को जल्‍द से जल्‍द तलाश कर लेना चाहता है। उसकी कोशिश है कि इस जेट का मलबा किसी भी सूरत में चीन के हाथ न लग सके। आपको बता दें कि दक्षिण चीन सागर में क्रैश हुआ अमेरिका का ये फाइटर जेट बेहद एडवांस्‍ड था।

ये हादसा उस वक्‍त हुआ था जब ये दक्षिण चीन सागर में तैनात यूएसएस कार्न विंसन विमानवाहक पोत पर उतरने की तैयारी में था। समय रहते इस विमान के पायलट ने खुद को जेट से अलग कर लिया और बाद में पायलट को समुद्र में से हेलीकाप्‍टर से लिया गया था। हालांकि इस हादसे में यूएसएस कार्न विंसन पर मौजूद सात नौसेना के जवान घायल हो गए थे, जिनमें से तीन का इलाज फिलीपींस की राजधानी मनीला के मेडिकल ट्रीटमेंट फेसेलिटी सेंटर में और अन्‍यों का इलाज इलाज यूएसएस कार्ल विंसन पर ही किया जा रहा है।
रविवार को हुए इस हादसे की जानकारी यूएस नेवी ने दी थी। नेवी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ये एफ-35 सी लाइटनिंग-2 केरियर एयर विंग 2, अमेरिका के विमानवाहक पोत यूएसएस कार्ल विंसन (सीवीएन 70) पर तैनात था और डेली रुटिन फ्लाइट पर था। यूएस नेवी द्वारा बताया गया था कि पायलट की हालत स्थिर है। गौरतल ब है कि दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका और चीन के बीच जबरदस्‍त तनाव है। इस क्षेत्र में चीन समेत दूसरे देश भी अपना दावा करते आए हैं। वहीं अमेरिका का कहना है कि ये स्‍वतंत्र क्षेत्र है जिसमें किसी की आवाजाही को रोका नहीं जा सकता है।


Tags:    

Similar News

-->