रूस और यूक्रेन के बीच जंग का खतरा बढ़ा, 90 टन की 'घातक मदद' भेजी
अगर रूस इस देश पर हमला या कब्जा करता है, उसपर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है (Russia Ukraine Border Conflict). पूरे यूरोप में हाई अलर्ट (High Alert) जैसी स्थिति है. बेशक रूस और अमेरिका के अधिकारी इस संकट को टालने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ अमेरिका (America) कुछ ऐसे बड़े कदम भी उठा रहा है, जिससे युद्ध होने की संभावना बढ़ती जा रही है. अमेरिका ने अपने राजनयिकों के परिवारों को यूक्रेन से निकालने की तैयारी भी पूरी कर ली है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका इस संबंध में जल्द ही घोषणा कर देगा. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने इस बारे में बताया है.
अगर राजनयिकों के परिवारों को वापस बुलाए जाने पर सहमित बनती है, तो जल्द ही अमेरिका आदेश दे सकता है. अमेरिका के विदेश विभाग ने पहले ही यूक्रेन के लिए 'लेवल 4' की एडवाइजरी जारी की हुई है (Russia Ukraine Explained). जिसमें अमेरिकी नागरिकों से कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी और 'रूस के बढ़ते खतरे' के मद्देनजर यूक्रेन की यात्रा ना करें. नॉन स्टाफ सदस्यों को वापस बुलाने की योजना उसी दिन बनी, जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंक ने रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव से मुलाकात की है. ये मुलाकात भी वर्तमान तनाव को कम करने के लिए हुई थी.
अमेरिका ने सैन्य मदद पहुंचाई
युद्ध होने की आशंका को उस खबर से भी बल मिल रहा है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका ने यूक्रेन को 90 टन की 'घातक मदद' पहुंचाई है. रूस ने सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया हुआ है. इस बीच अमेरिका का यूक्रेन को 90 टन की मदद भेजना एक बड़ी बात है (Russia Ukraine Invasion). इससे कुछ समय पहले अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य मदद की मंजूरी दी थी. जिसके बाद यह पहली खेप भेजी गई, जो यूक्रेन तक पहुंच गई है. इसमें सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए हथियार भी शामिल हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिसंबर महीने में यूक्रेन को 20 करोड़ डॉलर यानी करीब 1488 करोड़ रुपये के सुरक्षा सहायता पैकेज को मंजूरी दी थी.
'मदद भेजता रहेगा अमेरिका'
यूक्रेन की राजधानी कीव में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने कहा कि यह पहली खेप यूक्रेन की आत्मरक्षा के संप्रभु अधिकार के प्रति वाशिंगटन की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है (Russia Ukraine Conflict Reason). दूतावास ने इस मसले पर अपने फेसबुक पेज पर कहा, 'रूसी हमले के खिलाफ यूक्रेन के सशस्त्र बलों की तरफ से की जा रही क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की कोशिशों के तहत अमेरिका आगे भी इसी तरह की मदद भेजता रहेगा.' यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रिजनीकोव ने इस मदद के लिए अमेरिका का आभार जताया है. लावरोव और ब्लिंकन के हुई बातचीत के कुछ घंटों बाद ही ये मदद पहुंची है.
क्यों है दोनों देशों में तनाव?
संभावित खतरे की बात करें तो, यूक्रेन एक सोवियत राष्ट्र है. साल 2014 में रूस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था (Russia Ukraine Border Troops). जिसके बाद से यूक्रेन की सेना और रूस समर्थित अलगाववादियों में लड़ाई जारी है. ऐसा कहा जाता है कि इस लड़ाई में 14 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं. जबकि 20 लाख लोगों को अपना घर तक छोड़ना पड़ा है. रूस ने बीते साल अचानक यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी. जिसके बाद अमेरिका और यूक्रेन दोनों ने ही दावा किया कि रूस इस देश पर हमला कर सकता है. इसलिए वो ऐसा कर रहा है. अमेरिका और यूरोप ने चेतावनी दी है कि अगर रूस इस देश पर हमला या कब्जा करता है, उसपर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे.