दुनिया के सामने फिर खाद्यान्न संकट का खतरा

Update: 2023-07-19 17:30 GMT
 
मॉस्को। रूस ने यूक्रेन के साथ ‘ब्लैक सी ग्रेन डील’ को खत्म कर दिया है। इसी डील के तहत पिछले साल दुनिया से खाद्यान्न संकट के खतरे को बमुश्किल टाला गया था। अब व्लादिमिर पुतिन ने एकतरफा तौर पर डील खत्म कर दी है तो इससे ग्लोबल फूड क्राइसिस फिर पैदा हो सकती है। फैसले पर पुतिन के प्रवक्ता ने कहा- हमारी कुछ मांगें हैं, इनके पूरे किए जाने तक हम डील से अलग रहेंगे।
रूस के इस फैसले का हर तरफ विरोध हो रहा है। यूएन ने कहा है कि इससे लाखों लोगों के भूख से मरने का खतरा बढ़ जाएगा। अमेरिका ने इसे तानाशाही रवैया करार दिया है तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने कहा है कि वो दुनिया को अनाज सप्लाई करते रहेंगे।
रूस के फैसले पर एक नजर
24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और दोनों देशों के बीच जंग शुरू हो गई। यूक्रेन फूड सप्लाई के मामले में दुनिया के अव्वल देशों में से एक है। ब्लैक सी से गुजरने वाले उसके ग्रेन शिप्स पर रूस के हमलों का खतरा था। लिहाजा, उसने सप्लाई रोक दी और इससे चेन एंड सप्लाई कमजोर पड़ गई। कई यूरोपीय देशों के अलावा अफ्रीका में लोगों के भूख से मरने का खतरा पैदा हो गया। इस बीच, तुर्किये और हृ की कोशिशों से पिछले साल जुलाई में एक डील हुई। इसमें यह था कि रूस और यूक्रेन दोनों ही एक-दूसरे के कार्गो शिप्स पर हमले नहीं करेंगे। इसके अलावा यूएन के अफसर हर शिप की जांच करेंगे, ताकि इनका इस्तेमाल हथियार ले जाने में न हो। खास बात यह है कि यूक्रेन फूड आइटम्स के अलावा बड़ी तादाद में फर्टिलाइजर भी एक्सपोर्ट करता है।
अब पुतिन ने यह डील एकतरफा तौर पर रद्द कर दी है। मायने ये कि वो यूक्रेन के अन्न ले जा रहे जहाजों को भी निशाना बना सकता है। पुतिन सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा- आज ग्रेन डील का आखिरी दिन है। हमारी कुछ मांगें हैं, जब तक इन्हें पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक इस डील पर हम अमल शुरू नहीं करेंगे।
जेलेंस्की बोले- पीछे नहीं हटेंगे
रूस की तरफ से ग्रेन डील खत्म किए जाने से यूक्रेन के प्रेसिडेंट परेशान नहीं दिखे। उन्होंने कहा- इसमें यूक्रेन और रूस दोनों शामिल थे। अब रूस पीछे हट गया है, लेकिन यूक्रेन फूड सप्लाई जारी रखेगा। जेलेंस्की के स्पोक्सपर्सन ने कहा- रूस के अलग होने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम ब्लैक सी के जरिए सप्लाई जारी रखेंगे। इसमें यूएन की मदद लेते रहेंगे। हमने शिपिंग कंपनियों से बातचीत की है और वो सप्लाई के लिए तैयार हैं। तुर्किये के रास्ते दुनिया को अनाज पहुंचाना जारी रखा जाएगा। पिछले साल मार्च से अब तक करीब 32 लाख टन ग्रेन आइटम्स ब्लैक सी के जरिए सप्लाई किए गए हैं। इसमें रूस और यूक्रेन दोनों का हिस्सा शामिल है।
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