तालिबान ने ईद पर तीन दिन के लिए सीजफायर यानी संघर्ष विराम का किया एलान, 60 बच्चों की ली जान
अफगान की 60 फीसदी जमीन पर तालिबान का प्रभाव है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दो दिन पहले एक स्कूल पर हमला कर 60 से अधिक छात्रों की जान लेने वाले तालिबानी आंतकी अब ईद मानाने की तैयारी में लगे हुए। तालिबान ने ईद पर तीन दिन के सीजफायर यानी संघर्ष विराम का एलान किया। इस आतंकी संगठन के प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने एलान किया, ''इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (तालिबान के कब्जे वाले क्षेत्र का नाम) सभी मुजाहिदीनों को आदेश दिया जाता है कि तीन दिन तक युद्ध विराम रखना है। इस दौरान दुश्मन पर हमला नहीं करेंगे ताकि हमारे देशवासी ईद शांति और आराम से मना सकें।'' प्रवक्ता नईम ने कहा कि अगर हम पर हमला होता है, तो इसका जवाब जरूर दिया जाएगा।
तालिबानी प्रवक्ता ने ये भी कहा कि तालिबानी सरकार के कंट्रोल वाली जगहों पर न जाएं। इसके बावजूद अगर दुश्मन हम पर हमला करता है, तो उसे मुंहतोड़ जवाब जरूर दिया जाएगा।
तालिबान ने ईद पर सीजफायर का एलान काबुल में शिया बहुल दस्त-ए-बारची इलाके में स्थित सैयद अल-शाहदा स्कूल के नजदीक हुए धमाके के दो दिन बाद किया है। इस आत्मघाती हमले में करीब 60 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हुए। मरने वालों में ज्यादातर स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियां थी, जो छुट्टी के बाद स्कूल से बाहर निकल रहीं थीं।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को काबुल के एक स्कूल पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। साथ ही एक दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया था। उप आंतरिक मंत्री सादिक सिद्दकी ने बताया कि राष्ट्रपति गनी ने तालिबान से निर्दोष अफगानी लोगों को निशाना न बनाने की अपील की है। तालिबान ने नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की है और इसमें अपना हाथ होने से इनकार किया है। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
बता दें कि अफगानिस्तान में अभी अफगानी तालिबान और पाकिस्तानी तालिबान सक्रिय हैं। इसके साथ ही सीरिया का आईएसआईएस, हक्कानी ग्रुप भी पाकिस्तान संरक्षित तालिबान जैसे आंतकी संगठन को मदद करता है। अफगान की 60 फीसदी जमीन पर तालिबान का प्रभाव है।