इस्लामिक देशों के संगठन OIC का बयानबाजी, अब असम हिंसा पर दिया मानवाधिकार वाला 'ज्ञान'

इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज ( OIC) ने एक बार फिर भारत के अंदरूनी मामले पर बयानबाजी की है।

Update: 2021-10-07 15:37 GMT

जेद्दा। इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज ( OIC) ने एक बार फिर भारत के अंदरूनी मामले पर बयानबाजी की है। इस बार ओआईसी ने असम में हाल में हुई हिंसा के लिए भारत को ज्ञान दिया है। ओआईसी अक्सर कश्मीर को लेकर बयानबाजी करता रहा है। यही कारण है कि कई बार भारत ने इस्लामी देशों के इस संगठन को आड़े हाथों भी लिया है।

ओआईसी ने असम हिंसा की निंदा की
अफगानिस्तान, चीन, सीरिया और पाकिस्तान में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर आंख मूंदकर मूक दर्शक बने रहने वाले इस संगठन ने असम हिंसा पर जमकर बयानबाजी की है। ओआईसी के जनरल सेक्रेटिएट ने ट्वीट कर कहा कि उनका संगठन असम में व्यवस्थित उत्पीड़न और हिंसा की निंदा करता है। उन्होंने राज्य से सैकड़ों मुस्लिम परिवारों को बेदखल करने के अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कई अल्पसंख्यकों की मौत का भी दावा किया है।
ओआईसी ने जिम्मेदारी वाला 'ज्ञान' दिया
ओआईसी ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दुख जताया। इस संगठन ने भारत सरकार और भारतीय अधिकारियों को जिम्मदारी का पाठ भी पढ़ाया। ओआईसी जनरल सेक्रेटिएट ने भारत सरकार से मुस्लिम अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और उनकी सभी धार्मिक और सामाजिक मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करने का आह्वान किया। इतना ही नहीं, ओआईसी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता के भीतर किसी भी मुद्दे को संबोधित करने का सबसे अच्छा तरीका संवाद है।
पाकिस्तान के बहकावे में आया ओआईसी!
ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज दुनियाभर के मुसलमान मुल्कों का रहनुमा होने का दावा करता है। 25 सितंबर 1969 में बने इस संगठन का पाकिस्तान संस्थापक सदस्य है। दुनिया में मुसलमानों की दूसरी सबसे ज्यादा आबादी वाला भारत इस संगठन का सदस्य नहीं है। पाकिस्तान शुरू से ही इस संगठन का उपयोग भारत के खिलाफ करता आया है। खासकर कश्मीर मुद्दे पर कई बार ओआईसी ने भारत के खिलाफ बयान दिया है। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से इस संगठन के तेवर भारत को लेकर काफी नरम देखने को मिले हैं।
ओआईसी में सऊदी प्रभुत्व को चुनौती दे चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 2019 में ओआईसी में सऊदी अरब के प्रभुत्व को चुनौती दी थी। दरअसल, जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म किया था, तब पाकिस्तान ने ओआईसी से कड़ी प्रतिक्रिया देने की अपील की थी। लेकिन, सऊदी अरब के झंडे तले चलने वाले इस संगठन ने भारत के दबाव में पाकिस्तान का साथ नहीं दिया था। कुरैशी के बयान के जवाब में सऊदी ने पाकिस्तान को कर्ज पर तेल की सप्लाई रोक दी थी और 3 बिलियन डॉलर के दूसरे कर्ज को तुरंत लौटाने को कहा था।


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