स्पीकर नैंसी को मारने के प्लान से बम से भरा ट्रक लेकर Capitol Building पहुंचे थे प्रदर्शनकारी, ऐसे पता चला

अमेरिकी संसद और उसके आसपास हुए हिंसक प्रदर्शन (US Capitol Violence) की दुनियाभर में चर्चा हो रही है

Update: 2021-01-10 11:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी संसद और उसके आसपास हुए हिंसक प्रदर्शन (US Capitol Violence) की दुनियाभर में चर्चा हो रही है, इस प्रदर्शन को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. अब अमेरिकी पुलिस ने खुलासा किया है कि कैपिटल बिल्डिंग (Capitol Building) के बाहर एक ट्रक को खड़ा किया गया था, इस ट्रक में 11 देसी बम थे. एक खबर के मुताबिक इस ट्रक को पार्क करने वाला शख्स अलाबामा स्टेट का रहने वाला था. इसके अलावा ये भी जानकारी मिली है कि एक शख्स भारी तादाद में गोला बारूद और राइफल लेकर पहुंचा था. कहा जा रहा है कि वो अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी का मारने की प्लानिंग से आया था.


अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने कहा है कि ये प्रदर्शनकारी ट्रंप की रैली से एक दिन पहले यहां पहुंचे थे. अब तक 13 लोगों पर दंगा फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. खबर ये भी है कि कई प्रदर्शनकारी बुलेटप्रूफ जैकेट के साथ आए थे. कैपिटल बिल्डिंग से मिले वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है. कैपिटल पुलिस के चीफ स्टीफन साउंड ने बताया कि हथियार और पाइप से उन पर भी हमला किया गया.
कैपिटल बिल्डिंग में हंगामे के दौरान एक प्रदर्शनकारी नैंसी पेलोसी की टेबल पर पैर रखकर बैठा था, इस शख़्स की फोटो वायरल होने के बाद इसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वेस्टर्न अर्कांसास के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के एक प्रवक्ता ने एनबीसी न्यूज को बताया कि इस शख्स की पहचान हो चुकी है, 60 साल के इस शख्स का नाम रिचर्ड बार्नेट है, जो अर्कांसास के ग्रेवेट का रहने वाला है.

निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थकों ने बुधवार को वाशिंगटन डीसी कैपिटल यानि अमेरिकी संसद भवन पर हमला किया था, इस दौरान पुलिस के साथ इन प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. ट्रंप के समर्थकों ने संसद के ज्वाइंट सेशन को रोकने की कोशिश की. इस ज्वाइंट सेशन के दौरान अमेरिकी संसद में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की जीत का एलान होना था. ट्रंप के समर्थकों के इस हिंसक प्रदर्शन की अब दुनियाभर में आलोचना हो रही है.


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