राष्ट्रपति सचिवालय से श्रीलंका के लोगों को हटाने का सिलसिला शुरू, सेना पहुंची

Update: 2022-07-22 00:46 GMT

श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति बन गए हैं. आज उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण होना है. इससे पहले राष्ट्रपति सचिवालय को प्रदर्शनकारियों से छुड़ाने की कवायद शुरू हो गई है. पिछले 105 दिन से राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर श्रीलंका के लोगों को हटाने का सिलसिला शुरू हो गया है.

शुक्रवार तड़के कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के पास गॉल फेस में हालात तनावपूर्व हो गए. प्रदर्शनकारियों को हटाने पहुंची पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों के टेंट उखाड़ दिए. वहां लगे बैरिकेड्स भी हटा दिए, जिसके बाद कई प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच छोटी-मोटी झड़प भी देखने को मिली. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया.

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि सुरक्षाबलों ने उन पर हमला किया. उन्होंने कहा कि रानिल विक्रमसिंघे प्रदर्शनकारियों को तबाह करना चाहते हैं और इसकी कोशिश भी कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद हम हार नहीं मानेंगे. हम अपने देश को घटिया राजनीति से मुक्त करना चाहते हैं. श्रीलंका की 225 सदस्यों वाली संसद में रानिल विक्रमसिंघे के पक्ष में 134 वोट पड़े. वहीं उनके विरोधी दुल्लास अलहप्परुमा को 82, वामपंथी नेता अनुरा कुमार दिसनायके को मात्र 3 वोट मिले.

बता दें कि इस समय श्रीलंका में हालात बेहद खराब हैं. महंगाई का मंजर ऐसा है कि आम जनता बेहाल हो गई है. श्रीलंका में इतनी मंहगाई है कि सादा खाना खरीद पाना भी आम आदमी के बस की बात नहीं है. वहां सब्जी, भाजी, दवाई इतनी महंगी हैं कि लोग जरूरत की चीजों को भी नहीं खरीद पा रहे हैं. यही वजह है कि श्रीलंका के लोग सड़को पर जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद फिर राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें रानिल विक्रमसिंघे ने जीत हासिल की है.


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