तुर्की के राष्‍ट्रपति ने अमेरिका, फ्रांस समेत 10 देशों के राजदूतों को निकालने का सुनाया फरमान, जानें क्‍या है इस गुस्‍से की वजह

यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए तुर्की को अंतिम चेतावनी दी थी।

Update: 2021-10-24 01:53 GMT

तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Turkish President Tayyip Erdogan) ने घरेलू मामलों में दखल देने का आरोप लगाते हुए अमेरिका, फ्रांस, कनाडा समेत 10 देशों के राजदूतों को देश से निकालने का फरमान सुनाया है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक एर्दोगन ने अपने विदेश मंत्रालय से इन राजदूतों को परसोना नान ग्राटा (persona non grata) यानी 'अवांछित व्यक्ति' घोषित करने का आदेश दिया है। उस्मान कवला की रिहाई का समर्थन करने आरोप में इन राजदूतों को निकालने का आदेश दिया है।

समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक इन राजदूतों में नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, नार्वे और न्यूजीलैंड के राजनयिक भी शामिल हैं। उन्हें मंगलवार को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था। किसी राजनयिक को अवांछित व्यक्ति घोषित करने का आशय सामान्य रूप से यह होता है कि व्यक्ति के उसके मेजबान देश में आगे बने रहने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक एर्दोगन ने शनिवार को कहा कि मैंने अपने विदेश मंत्री को आदेश दिया है कि इन 10 राजदूतों को जल्द से जल्द अवांछित व्‍यक्ति घोषित किया जाए। इन राजदूतों को 48 से 72 घंटे के अंदर तुर्की से बाहर जाना होगा। इन राजदूतों ने सामाजिक कार्यकर्ता उस्मान कवला की रिहाई का समर्थन किया था। कवला अपराध के मामले में दोषी करार नहीं दिए जाने के बाद भी 2017 से जेल में हैं।
कावला पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों की फाइनेंसिंग करने का आरोप है। हालांकि कावला की ओर से इन आरोपों से हमेशा इनकार किया जाता रहा है। बीते दिनों कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, न्यूजीलैंड और अमेरिका के राजदूतों ने संयुक्‍त बयान जारी करते हुए कवला के रिहाई की मांग की थी। राजदूतों का कहना था कि कवला के मामले का न्यायसंगत समाधान किया जाए।
तुर्की की ओर से राजदूतों की ओर से जारी संयुक्‍त बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया गया था। बयान को 'धृष्टता' करार देते हुए एर्दोगन ने कहा कि उन्होंने राजदूतों को अवांछित घोषित करने का आदेश दिया है। यूरोप की परिषद, महाद्वीप की ह्यूमनराइट वाचडाग ने कवला के लंबित मुकदमे के निस्‍तारण के लिए साल 2019 यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए तुर्की को अंतिम चेतावनी दी थी।


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