गिलानी की जीत के खिलाफ दायर याचिका हुई खारिज, हाईकोर्ट ने इमरान की पार्टी को लगाई फटकार
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Pakistan High Court Reject PTI's Petition: पाकिस्तान (Pakistan) के इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High Court) ने बुधवार को प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी तहरीक ए इंसाफ (Tehreek-e-Insaf) की एक याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी (Yusuf Raza Gilani) की सीनेट चुनाव (Senate Elections) में हुई जीत को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक मामलों में न्यायपालिका को 'अनावश्यक रूप से घसीटना' ठीक नहीं है.
गिलानी सीनेट के चुनाव में पाकिस्तान डेमोक्रेटिव मूवमेंट (पीडीएम) उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए थे. उन्होंने सत्ताधारी पीटीआई के उम्मीदवार और वित्त मंत्री अब्दुल हाफिद शेख (Abdul Hafeez Shaikh) को हराया था. गिलानी को 169 वोट मिले थे और शेख को 164 वोट मिले थे. शेख की हार इमरान खान के लिए एक बड़े झटके की तरह इसलिए थी क्योंकि उन्होंने खुद उनके लिए प्रचार किया था. जिसके बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की थी.
कोर्ट- ईसीपी का इस्तेमाल करें
राजनीतिक गतिरोध बढ़ता देख खान ने फैसला लिया था कि वह विश्वास मत का सामना करेंगे. शनिवार को उन्होंने विश्वास मत में जीत भी हासिल की. वहीं हाईकोर्ट में ये याचिका पार्टी के नेता अली नवाज (Ali Nawaz) ने दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि 68 साल के गिलानी ने वोट खरीदकर ये जीत हासिल की है. आईएचएस न्यायाधीश अथर मिनाल्लाह ने शुरुआती दलीलों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता से कहा कि इसके लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) जैसे प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करें, जहां पहले से ही इस मामले की सुनवाई हो रही है.
गिलानी को किया नामित
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने गिलानी को इस सप्ताह के अंत में होने वाले सीनेट अध्यक्ष चुनाव के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया है. ये फैसला तब लिया गया, जब ईसीपी ने भी सीनेट चुनाव में एक वीडियो क्लिप के आधार पर वोट खरीदने के आरोपों पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. आयोग ने कहा कि वह तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेगा जब तक कि रिश्वत देने और लेने में शामिल व्यक्तियों के नाम नहीं लिए जाते. आयोग के प्रमुख अल्ताफ इब्राहिम कुरैशी की अध्यक्षता वाले ईसीपी (ECP) के चार सदस्यीय आयोग ने एक अर्जी पर सुनवाई की थी. वकील अली जफर ने सुनवाई में प्रधानमंत्री खान की सत्तारूढ़ पीटीआई का प्रतिनिधित्व किया था.