परमाणु संयंत्र में विस्फोट के लिए जिम्मेदार शख्स की सार्वजनिक हुई पहचान, घटना के बाद से है फरार
रेजा करीमी नाम का यह शख्स घटना के बाद से फरार है और ईरान की एजेंसियां अब उसकी तलाश कर रही हैं
Iran Nuclear Plant : ईरान ने अपने मुख्य परमाणु संयंत्र में हाल ही में हुए विस्फोट और वहां की विद्युत व्यवस्था में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार व्यक्ति का नाम सार्वजनिक कर दिया है। रेजा करीमी नाम का यह शख्स घटना के बाद से फरार है और ईरान की एजेंसियां अब उसकी तलाश कर रही हैं। इस बीच 2015 में हुए परमाणु समझौते को फिर से लागू करने के लिए विएना में शामिल देशों के बीच वार्ता जारी है।
रेजा करीमी नाम का यह शख्स गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार
ईरान के खुफिया मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि नातांज परमाणु संयंत्र में तोड़फोड़ की कार्रवाई करने वाले शख्स की पहचान हो गई है। रेजा करीमी नाम का यह शख्स गड़बड़ी करने के बाद फरार है। बीते रविवार को परमाणु संयंत्र में हुए विस्फोट के लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। सरकारी टेलीविजन पर दिखाए गए एक लाल रंग के कार्ड में करीमी की उम्र 43 वर्ष बताई गई है और उसे इंटरपोल वांटेड बताया गया है। बताया गया है कि फरार हुए इस शख्स की गिरफ्तारी और उसे वापस ईरान लाने के लिए सभी कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं। टेलीविजन पर परमाणु संयंत्र के भीतर सेंट्रीफ्यूज बदलने के फोटो भी दिखाए हैं। सेंट्रीफ्यूज विस्फोट के चलते क्षतिग्रस्त हो गए थे। सेंट्रीफ्यूज के जरिये ही यूरेनियम शोधन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है। माना जा रहा है कि ईरान ने संयंत्र के भीतर की तस्वीरें दिखाकर यह साबित करने की कोशिश की है कि गंभीर नुकसान नहीं हुआ है। विकिरण भी नहीं फैला है। कुछ ही दिनों में सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
विएना में ईरान के साथ हुए शक्तिशाली देशों के समझौते पर वार्ता जारी
इस बीच ऑस्टि्रया की राजधानी विएना में 2015 में ईरान के साथ हुए शक्तिशाली देशों के समझौते पर वार्ता जारी है। तीन साल पहले इस समझौते से अमेरिका अलग हो गया था। इसके बाद ईरान ने यूरेनियम शोधन की क्षमता बढ़ा दी। इसका मतलब यह है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने में काम आने वाला यूरेनियम तैयार कर रहा है। ईरान तब तक अपना यूरेनियम शोधन कार्यक्रम रोकने के लिए तैयार नहीं है जब तक कि अमेरिका उस पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा नहीं लेता। लेकिन समझौते में शामिल अमेरिका के मित्र देश- ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी कोई बीच का रास्ता निकालने के प्रयास में हैं