आंबेडकर हाउस के संग्रहालय के तौर पर संचालन को लंदन काउंसिल की प्रक्रिया पूरी

उत्तरी लंदन के स्थानीय प्रशासन ने भारतीय संविधान के रचयिता के सम्मान में आंबेडकर हाउस को बतौर संग्रहालय |

Update: 2020-12-05 04:47 GMT

उत्तरी लंदन के स्थानीय प्रशासन ने भारतीय संविधान के रचयिता के सम्मान में आंबेडकर हाउस को बतौर संग्रहालय स्थापित करने की सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। इसी साल की शुरुआत में इस इमारत को आधुनिक भारत के संस्थापकों में से एक डॉ. भीमराव आंबेडकर का संग्रहालय बनाने की इजाजत दी गई थी।

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपील प्रक्रिया देख रहे सिंहानिया एंड को सॉलिसिटर के जानीवन जॉन ने शुक्रवार को बताया कि लंबे अरसे से लंबित आंबेडकर म्यूजियम अब शुरू किए जाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कैमडेन काउंसिल ने प्रबंधन योजना के साथ साइकिल स्टैंड बनाने की भी मंजूरी दी है।
यूके कम्यूनिटीज के सेक्रेट्री राबर्ट जेनरिक के लंदन के कैमडेन स्थित 10 किंग हेनरी रोड बंगले को संग्रहालय बनाने की योजना को मंजूरी देने में दखल देने के बाद कैमडेन काउंसिल ने अंतिम मंजूरी दे दी है। चार मंजिला आंबेडकर हाउस को म्यूजियम में बदला जा रहा है। डॉ. आंबेडकर वर्ष 1921-1922 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाई के दौरान इसी बंगले में रहते थे।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश सरकार ने विगत मार्च में लंदन स्थित आंबेडकर हाउस को बंद करने के खिलाफ दायर भारत की अपील को स्वीकार कर लिया था। ब्रिटेन के कम्युनिटी सेक्रेटरी रॉबर्ट जेनरिक ने यहां संग्रहालय बनाने की अनुमति दे दी। बता दें कि स्थानीय प्राधिकरण कैमडेन काउंसिल ने पिछले साल अगस्त में भारतीय अधिकारियों के उस आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें उत्तरी लंदन स्थित आंबेडकर हाउस को एक संग्रहालय में तब्दील करने की मांग की गई थी। अपील खारिज करते हुए काउंसिल ने कहा था रिहायशी संपत्ति (आंबेडकर हाउस) को संग्रहालय में तब्दील नहीं किया जा सकता। ऐसा करना स्थानीय प्लानिंग नियमों का उल्लंघन होगा। इसके बाद भारतीय समुदाय के लोगों ने ब्रिटेन सरकार पर दबाव बनाया था और मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।



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