ईरान में चल रहा हिजाब विरोधी आंदोलन दुनिया में फैला, पेरिस और लंदन में हजारों ने किया प्रदर्शन

ईरान में महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में तबीयत बिगड़ने और फिर मौत के बाद हिजाब विरोधी आंदोलन लगातार जारी हैं। यही नहीं अब इन आंदोलनों ने वैश्विक रूप अपना लिया है। ईरान से बाहर लंदन और पैरिस जैसे यूरोपीय शहरों में भी हिजाब विरोधी आंदोलन हो रहे हैं। पेरिस में हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं

Update: 2022-09-27 00:50 GMT

ईरान में महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में तबीयत बिगड़ने और फिर मौत के बाद हिजाब विरोधी आंदोलन लगातार जारी हैं। यही नहीं अब इन आंदोलनों ने वैश्विक रूप अपना लिया है। ईरान से बाहर लंदन और पैरिस जैसे यूरोपीय शहरों में भी हिजाब विरोधी आंदोलन हो रहे हैं। पेरिस में हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं और ईरानी लोगों के प्रति अपना समर्थन जाहिर कर रहे हैं। ईरानी दूतावास के बाहर लोगों ने 'मोरैलिटी पुलिस' के खिलाफ लोगों ने आंदोलन किया। पेरिस के अलावा लंदन में भी इसी तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं। कनाडा में भी कुछ जगहों पर आंदोलन हुए हैं।

लंदन में ईरानी दूतावास के बाहर तो प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। ये लोग ईरानी दूतावास के बाहर नारेबाजी कर रहे थे और ईरान में महिलाओं को अधिकार दिए जाने की मांग कर रहे थे। बता दें कि ईरान में हिजाब को लेकर लागू सख्त नियमों पर दुनिया भर में सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की पत्रकार ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का इंटरव्यू करने पहुंची थी। तब रईसी ने पत्रकार से कहा था कि यदि मेरा इंटरव्यू लेना है तो हिजाब पहनना होगा। इससे पत्रकार ने मना कर दिया और इंटरव्यू नहीं हो सका।

बता दें कि ईरान में अब तक हिजाब के विरोध में आंदोलन को 10 दिन बीत चुके हैं। फिलहाल ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलनों में 41 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं देश के 31 प्रांतों में यह आंदोलन पैर पसार चुका है और सरकार को इससे निपटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ईरान में हिजाब को लेकर बेहद कड़े नियम हैं। ईरान में नियम है कि यदि कोई लड़की 9 साल से अधिक उम्र की हो जाती है तो उसके लिए हिजाब पहनना जरूरी होता है। ऐसा न करने पर सजा का प्रावधान है।


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